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Supreme Court ने 10वीं, 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने संबंधी अधिसूचना मंजूर की

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court )ने शुक्रवार को 10वीं और 12वीं कक्षा के रद्द बोर्ड परीक्षा को लेकर मूल्यांकन योजना के संबंध में सीबीएसई द्वारा जारी मसौदा अधिसूचना को स्वीकार कर लिया। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने मूल्यांकन योजना का विवरण देते हुए शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दायर किया। अधिसूचना के अनुसार जो छात्र तीन से अधिक विषयों में परीक्षाओं में उपस्थित हुए हैं, उनमें से उनके तीन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले विषयों में प्राप्त अंकों का औसत उन विषयों में दिया जाएगा जिनकी परीक्षाएं नहीं आयोजित हो पाई हैं।

सीबीएसई ने कहा, “जिन छात्रों ने केवल 3 विषयों की परीक्षा दी हैं, जिन दो विषयों में उनका सर्वश्रेष्छ प्रदर्शन होगा, उसमें में प्राप्त किए गए अंकों का औसत उन विषयों में दिया जाएगा जिनकी परीक्षा आयोजित नहीं की गई है।”

सीबीएसई ने कहा कि कक्षा 12 के ऐसे बहुत कम छात्र हैं, मुख्य रूप से दिल्ली से, जो केवल 1 या 2 विषयों में परीक्षा में शामिल हुए हैं।

शीर्ष अदालत में पेश मसौदा अधिसूचना में कहा गया, “उनके परिणाम जिन विषयों की उन्होंने परीक्षा दी है उनमें उनके प्रदर्शन, प्रदर्शन और आंतरिक/ व्यावहारिक/ प्रोजेक्ट मूल्यांकन में प्रदर्शन के आधार पर घोषित किए जाएंगे। इन छात्रों को उनके प्रदर्शन में सुधार करने के लिए सीबीएसई द्वारा आयोजित वैकल्पिक परीक्षाओं में भी शामिल होने की अनुमति दी जाएगी, अगर वे ऐसा करना चाहते हैं।”

इसमें आगे कहा गया कि इन छात्रों के परिणाम अन्य छात्रों के साथ भी घोषित किए जाएंगे।

इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईसीएसई) ने पीठ को बताया कि उसकी परीक्षाएं भी रद्द हुई हैं और वे जल्द ही मूल्यांकन प्रकाशित करेंगे। रिकॉर्ड पर इन बातों को संज्ञान में लेते हुए न्यायाधीशों ए.एम. खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट में इसी तरह के अन्य लंबित मामलों के साथ याचिकाओं का निपटारा किया।

सीबीएसई की प्रतिक्रिया अभिभावकों के एक समूह द्वारा दायर याचिकाओं पर आई है, जो सीबीएसई के जुलाई में शेष बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत चले गए थे। शीर्ष अदालत को सूचित किया गया कि आईसीएसई और सीबीएसई दोनों जुलाई के मध्य तक एक साथ परिणाम घोषित करेंगे।

सीबीएसई ने शीर्ष अदालत को बताया कि उसका फैसला छात्रों के हित में है। वहीं आईसीएसई ने शीर्ष अदालत को बताया कि वे कक्षा 10 के छात्रों को बाद के चरण में परीक्षा देने का विकल्प दे सकते हैं।

–आईएएनएस

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