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सोना तस्करी में मेरी कोई भूमिका नहीं : स्वप्ना सुरेश

सोना तस्करी में मेरी कोई भूमिका नहीं : स्वप्ना सुरेश

तिरुवनंतपुरम: केरल में हाल ही में सामने आए सोना तस्करी के मामले की मुख्य संदिग्ध स्वप्ना सुरेश ने एक ऑडियो संदेश के जरिए इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़ी है। उसने कहा है कि इस मामले में उसकी कोई भूमिका नहीं है।

त्रिवेंद्रम हवाईअड्डे पर एक राजनयिक लगेज से रविवार को 30 किलोग्राम सोना बरामद होने के बाद केरल में एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया, क्योंकि मुख्य संदिग्ध स्वप्ना को राज्य में सत्ताधारी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार का करीबी बताया जा रहा है।

गुरुवार को सामने आए ऑडियो में स्वप्ना ने कहा है कि तस्करी के मामले में उसकी कोई भूमिका नहीं है।

रुहासा आवाज में स्वप्ना ने कहा, “मैंने बस इतना किया है कि जब कंसुलेट ने मुझसे बैगेज को क्लीयर होने में विलंब के बारे में पूछा, तब मैंने कस्टम से बात की। मैंने बस यही किया, और मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता कि बैगेज कहा से आया और उसमें क्या था। मौजूदा विवाद में मेरा और मेरे परिवार का नुकसान हो रहा है और मैं डर के मारे छिपी हुई हूं। मैं आत्महत्या करने के कगार पर हूं, क्योंकि मुझे निशाने पर लिया जा रहा है और इस तस्करी से मेरा कुछ भी लेना-देना नहीं है।”

कस्टम विभाग ने रविवार को यह जब्ती की थी और तभी से स्वप्ना फरार है, जबकि यूएई कंसुलेट में उसके पूर्व सहकर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया है। स्वप्ना पहले यूएई कंसुलेट की लाइजनिंग शाखा में काम कर चुकी है।

वह केरल उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए भी संपर्क कर चुकी है, और याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है।

संदिग्ध योग्यता होने के बावजूद स्वप्ना राज्य में सत्ताधारी वाम लोतांत्रिक मोर्चा सरकार की करीबी मानी जाती है और सरकार में उच्च वेतन वाली नौकरी ले रखी थी। वह मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम. शिवशंकर की बेहद करीबी है।

विजयन ने तत्काल डैमेज कंट्रोल के तहत शिवशंकर को दोनों पदों से हटा दिया। शिवशंकर राज्य के आईटी सचिव भी थे। लेकिन कांग्रेस और भाजपा ने अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है और विजयन से इस्तीफा देने और जांच का सामना करने की मांग की है।

फिलहाल सोशल मीडिया स्वप्ना के उन चित्रों से भरा पड़ा है, जिसमें वह विजयन, और माकपा के अन्य शीर्ष नेताओं के साथ दिखाई दे रही है। इसमें केरल विधानसभा के अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन भी शामिल हैं।

स्वप्ना ने कहा है, “जब मैं यूएई कंसुलेट में काम करती थी, मेरा काम महावाणिज्यदूत को प्रशासन की सुविधा सुलभ कराना था। सरकार के कई लोगों से मिलना-जुलना मेरे काम का हिस्सा। यूएई से जब वीवीआईपी आते थे, मैं केरल और चार अन्य राज्यों का उन्हें दौरा भी कराती थी। ये सब मेरा काम था।”

माकपा महासचिव सीमाराम येचुरी ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि विजयन पहले ही मामले की एक उच्चस्तरीय जांच के लिए प्रधानमंत्री को लिख चुके हैं।

येचुरी ने कहा, “सोना की तस्करी एक बड़ा अपराध है और इसका खुलासा करना केद्र की जिम्मेदारी है। इसके पीछे के लोगों की पहचान करने के लिए एक गहन जांच की जाए और जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाए।”

यह पूछे जाने पर क्या विजयन के कार्यालय को भी जांच के दायरे में लिया जाना चाहिए? उन्होंने कहा, “यह तो जांच करने वाली एजेंसी की जिम्मेदारी है।”

भाकपा के राज्य सचिव कनम राजेंद्रन ने गुरुवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा, “जो भी मुद्दा सामने आया, मुख्यमंत्री ने पहले ही कार्रवाई की, जिन्होंने शिवशंकर को हटा दिया। हमें आश्चर्य है कि मीडिया और अन्य लोग यह पता करने की कोशिश क्यों नहीं कर रहे हैं कि यह सोना किसके लिए था। आपकी रुचि सिर्फ दूसरी चीजों में है। इस पहलू की भी जांच किए जाने की जरूरत है।”

चूंकि स्वप्ना ने कहा है कि उसने सिर्फ कंसुलेट के अनुरोध पर बैगेज के स्टेटस के बारे में पता किया था, लिहाजा देखना अब यह है कि क्या कस्टम उसके खुलासे के बारे में जानने कंसुलेट से संपर्क करने के लिए उच्चस्तर पर अनुमति मांगता है क्या।

–आईएएनएस

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