नई दिल्ली: “राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वर्ग मीटर के भित्ति चित्र के अनावरण अवसर पर उपस्थित होकर मैंे अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हॅंू। यह भित्ति चित्र गांधी जी के उस विश्वास को दर्शाता है, जिसमें गांधी जी शिल्पकारों और ग्रामाद्योग की क्षमता को अति महत्वपूर्ण समझा करते थें।“
यह बात आज भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम.वैकंया नायडु ने नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् के मुख्यालय पालिका केन्द्र की दीवार पर 150 वर्गमीटर के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के भित्ति चित्र का अनावरण करने के उपरान्त कही। यह भित्ति चित्र गांधी जी की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के सहयोग से स्थापित किया गया है।
श्री नायडू ने कहा कि यह भित्ति चित्र 3870 कुल्लड़ो से बनाया गया है, जो कि भारत के कोने-कोने से 150 जगहों से लाई गई मिट्टी और 150 शिल्पकारों की मेहनत का नतीजा है । यह वास्तव मे इन शिल्पकारांे के द्वारा गांधी जी को समर्पित की गई एक सच्ची श्रृðाजंली है । इस कलाकृति के नीचे गांधी जी का अमर वाक्य भी लिखा गया है – ‘‘मेरा जीवन ही मेरा संदेश है । ‘‘ – जो यहाॅं से गांधी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व का संदेश पूरे देश में फैलाएगा।
उपराष्ट्रपति महोदय ने इस भित्ति चित्र को बनाने वाले शिल्पकारों का अभिन्नदन करते हुए कहा कि इनकी मेहनत से बना यह भित्ति चित्र गांधी जी के सत्य और अहिंसा के संदेश को न केवल देश अपितु विदेशों मे प्रचारित-प्रसारित करेगा और करता रहेगा।
श्री नायडू ने कहा की गांधी जी दीन-हीन जनों के सबसे बड़े हितेषी थें, वें ग्राम-स्वराज के सबसे बड़े प्रतिपादक भी थं। उनका मानना था कि गाॅंव के विकास से ही देश के विकास का रास्ता गुजरता है । उन्होंने यह भी कहा कि हम प्रत्येक को गांधी जी के सपनांे को साकार करने के लिए नए भारत का निर्माण करना चाहिए, जैसे इन शिल्पकारों ने गांधी जी के भित्ति चित्र को अलग-अलग जगह की मिट्टी से बना कर एकाकार रूप में साकार किया है।
इस कार्यक्रम में भारत सरकार के सूक्ष्म, लद्यु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री श्री गिरीराज सिंह ने बताया कि गांधी जी की 150वीं जयन्ती वर्ष में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की इस भित्ति चित्र की संकल्पना में भारत की सांस्कृतिक एकात्मकता, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की झलक मिलती है ।
श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि इस भित्ति चित्र को बनाने के मिशन में ग्रामोद्योग के अन्तर्गत शिल्पकारी और उसके माध्यम से गांधी जी को दी गई, श्रðांजली एक महत्वपूर्ण संयुक्त प्रयास का अद्भूत नमूना है । उन्होंने इस अवसर पर कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग देश के 400 गाॅवों के ग्रामीण शिल्पकारों को बिजली से चलने वाले चाक देकर उनको ग्रामीण स्तर पर ही स्वालंबी बनाने और उनकी आय को बढ़ाने के एक महत्वपूर्ण मिशन पर काम कर रहा है ।
नई दिल्ली की सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि गांधी जी के सत्य और अहिंसा के प्रयोग सकारात्मक, अर्थपूर्ण और हर युग में गतिशील हैं, जो प्रत्येक जन-जन के लिए दायित्वपूर्ण जीवन जीने की शिक्षा देते हैं जिससे सभीका कल्याण हो सके । गांधी जी का पूरा जीवन सत्य के प्रयोग में व्यतीत हुआ जिसकी झलक इस भित्ति चित्र में मिलती है । और यह उनके आदर्शों और सिðान्तों के सन्देश को जन-जन में प्रसारित करने में सहायक होगा । देश के विभिन्न कोने से लाई गई मिट्टी के कुल्लड़ो से बने इस भित्ति चित्र से गांधी जी की तस्वीर में आई एकता भारत की एकता और अखडता की प्रतीक है ।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना ने इस अवसर पर बताया कि इस परियोजना के लिए देश के कोने कोने से 150 शिल्पकारों को चुना गया, जिन्होने अपनी स्थानीय मिट्टी से मिलकर 5000 कुल्लहड़ बनाए जिनमे से उपयुक्त कुल्लड़ो को इस भित्ती चित्र में इस्तेमाल किया गया और इसी से गांधी जी की चित्रकृति समाने आई है । इस चित्रकृति के साथ लिखा गया संदेश – ‘‘मेरा जीवन ही मेरा संदेश है।‘‘, गांधी जी के उस हस्तलिखित कथन का नमूना है, जो गांधी स्मारक संग्रहालय, अहमदाबाद में प्रदर्शित है।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् के अध्यक्ष श्री नरेश कुमार ने इस अवसर पर नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् को गौरवान्वित बताया कि उनके मुख्यालय की दीवार को इस भित्ति चित्र की स्थापना के लिए चुना गया है और वह भी गांधी जी की 150वीं जयन्ती वर्ष के अवसर पर जिससे देश की एकता और अखड़ता का संदेश प्रसारित हो सकें । उन्होने आशा व्यक्त की कि आने वाली पीढियाॅं माहात्मा गांधी जी के आदर्शों से अपने मार्ग अवश्य बनाएगी।
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