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जब चंदगीराम अखाड़े के पहलवानों से भिड़ गए विद्युत जामवाल

बुधवार 20 नवंबर की अलसाई ढलती दोपहर को दिल्ली के चंदगीराम अखाड़े में एक अनोखी लड़ाई हुई। एक तरफ छाता के पुलिस उपाधीक्षक पहलवान जगदीश कालीरमन के दमदार पट्ठे थे तो वही दूसरी तरफ हिंदी सिनेमा में बिजली से चमकते व उभरते अभिनेता विद्युत जामवाल।

दरअसल, विद्युत जामवाल की फिल्म ‘कमांडो 3’ 29 नवंबर को सिनेमाघरों में दिखाई जाएगी। इसी फिल्म के प्रमोशन के लिए अभिनेता विद्युत जामवाल यमुना नदी किनारे बने इस मशहूर अखाड़े में आए।इस अखाड़े को भारत के मशहूर पहलवान स्वर्गीय मास्टर चंदगीराम ने बनवाया था। विद्युत जामवाल ने इस मौके पर अपनी फिल्म ‘कमांडो 3′ के बारे में बताया और मैट और मिट्टी के अखाड़े पर कुछ उभरते पहलवानों के साथ कुश्ती के दांव भी आजमाए।

उत्तर प्रदेश पुलिस में डीएसपी पद पर कार्यरत /भारत केसरी पहलवान जगदीश कालीरमन ने विद्युत जामवाल का स्वागत किया। और उन्हें नई फिल्म के लिए शुभकामनाएं दीं। साथ ही’ कुश्ती और मार्शल आर्ट्स में समानता बताते हुए कहा कि कोई भी खेल हमारे शरीर को तो फिट रखता ही है, देश को भी मजबूत बनाता है। अब तो बहुत सी फिल्मों में खेल और खिलाड़ी की जिंदगी के बारे में बता कर लोगों का सार्थक मनोरंजन किया है।

विद्युत् जामवाल तो आते ही छा गए थे. फिल्मी हीरो पर उन का खिलाड़ी मन पूरी तरह हावी था।अखाड़े में उन्होंने मिट्टी को समतल बनाने के लिए उन्होंने फावड़ा उठा लिया और अपने सफेद कपड़ों के खराब होने की भी परवाह नहीं की। एक पहलवान को तो उन्होंने किसी पेशेवर पहलवान की तरह पटक दिया था।

इस के बाद विद्युत जामवाल ने मैट पर असली पहलवानों की असली कुश्ती देखी। जबकि जगदीश कालीरमन ने लाइव कमेंट्री की।अपनी फिल्म से ज्यादा विद्युत जामवाल ने नई पीढ़ी को स्ट्रांग बनने की सलाह दी और महिला पहलवानों की हिम्मत और जज्बे की खूब तारीफ की।उन्होंने कहा कि सिर्फ जिम में जाने और बॉडी बनाने से देश मजबूत नहीं बनता है। बल्कि वह देश आगे बढ़ता जिस में पुरुष वहां की महिलाओं का सम्मान करते हैं।और उन पर आई मुसीबत में उन का साथ देने के लिए खड़े होते हैं।

पहलवान इस जज्बे में बाजी मार जाते हैं।हर गुरु अपने शिष्य को खेल के साथसाथ महिलाओं की इज्जत करना भी सिखाता है।चंदगीराम अखाड़े की तरफ से विद्युत जामवाल को गुर्ज व ट्रॉफी दे कर साई कोच सहदेव बाल्यान,पूनम कालीरमन,विजय कौशिक (कोच),कृष्ण पहलवान,साहिल सर्राफ व जगदीश कालीरमन द्वारा प्रदान कर सम्मानित किया गया ।

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