नई दिल्ली| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी ‘स्वच्छ भारत’ की बात करते हैं, लेकिन अब देश ‘सच भारत’ चाहता है।
विपक्षी दलों को एकजुट करने के मकसद से जनता दल-युनाइटेड के बागी नेता शरद यादव द्वारा यहां आहूत ‘साझा संस्कृति बचाओ’ सम्मेलन में राहुल ने कहा, “मोदीजी कहते हैं कि वह स्वच्छ भारत चाहते हैं, लेकिन हम सच भारत चाहते हैं। प्रधानमंत्री जहां भी जाते हैं, झूठ बोलकर चले आते हैं।”
मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ को विफल बताते हुए उन्होंने कहा, “मोदीजी ने ‘मेक इन इंडिया’ का नारा दिया, लेकिन यहां ज्यादातर चीजों पर ‘मेड इन चाइना’ लिखा देखा जा रहा है। सच तो यह है कि मोदीजी का ‘मेक इन इंडिया’ पूरी तरह विफल हो गया है।”
राहुल ने कहा कि भाजपा ने हर साल दो करोड़ रोजगारों का सृजन करने और हर शख्स को 15 लाख रुपये देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने पर मोदी अपना वादा पूरा नहीं कर पाए।
उन्होंने केंद्र सरकार और उसके मार्गदर्शक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर संविधान बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। इसके खिलाफ सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर लड़ना होगा।
राहुल ने कहा, “आरएसएस का मुख्य उद्देश्य संविधान को नष्ट करना और अंतत: ‘वन मैन वन वोट’ की नीति अपनाना है।”
उन्होंने कहा कि आरएसएस को पता है कि वह विचारधारा के आधार पर बार-बार चुनाव नहीं जीत सकता, इसीलिए ये लोग प्रत्येक संस्थान, नौकरशाही, मीडिया और विश्वविद्यालयों में अपने लोगों को बिठा रहे हैं। जब ये हर जगह अपने लोगों को सेट कर लेंगे, तब कहेंगे कि ये देश हमारा है।
राहुल ने कहा कि आरएसएस सत्ता में आने के बाद तिरंगे को सलाम करने लगा है। यानी जब तक वह सत्ता में नहीं था, तब तक तिरंगा उसका नहीं था, उसका देश नहीं था।
उन्होंने कहा, “यदि हमें उनसे लड़ना है तो हमें एकजुट होकर लड़ना होगा।”
राहुल ने कहा कि कांग्रेसियों को विश्वास है कि वे देश से जुड़े हुए हैं और कुछ करना चाहते हैं, जबकि भाजपा और आरएसएस का कहना है कि यह देश सिर्फ उन्हीं का है।
उन्होंने कहा कि आरएसएस के एक प्रमुख नेता ने आजादी के आंदोलन के दौरान ब्रिटिशों को जेल से अपनी रिहाई के बदले माफी मांगने का पत्र लिखा था।
उन्होंने कहा, “वे देश की नहीं, अपनी आजादी के लिए गुहार लगा रहे थे। आरएसएस को छोड़कर कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी के किसी भी नेता ने अंग्रेजों से गुहार नहीं लगाई। ये लोग आजादी की लड़ाई से खुद को अलग रखे रहे और आज देशभक्ति का पाठ पढ़ा रहे हैं।”
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी मानती है कि यह देश सभी का है, आरएसएस का भी है, वह देश के लिए कुछ करे, जबकि आरएसएस का दावा है कि देश सिर्फ उसी का है, अल्पसंख्यकों, दलितों और किसानों का नहीं।
राहुल ने भाजपा और आरएसएस पर पीछे से हमला करने का आरोप लगाया।
उन्होंने गुजरात में अपने काफिले पर पथराव करने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा, “जब मेरे काफिले पर पथराव किया गया और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा काले झंडे दिखाए गए। मैं उनसे बात करने के लिए वहां रुक गया, लेकिन जैसे ही मैं अपने वाहन से बाहर निकला और उनकी ओर गया। वे भाग गए।”
इस सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के डी. राजा, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला सहित 17 पार्टियों के नेता शामिल हुए।
–आईएएनएस
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