वाशिंगटन: अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने कहा है कि ईरान और छह विश्व शक्तियों के बीच हुए परमाणु समझौते में बने रहना अमेरिका के राष्ट्रीय हित में है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मैटिस की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ओबामा प्रशासन के दौरान हुए इस समझौते से अलग होने या न होने की उधेड़बुन में लगे हैं।
मैटिस ने मंगलवार को सीनेट में कहा, “मैं यह कहना चाहता हूं कि अगर हम यह पुष्टि कर सकते हैं कि ईरान समझौते पर अमल कर रहा है और अगर हम यह निर्धारित कर सकते हैं कि इसमें हमारा सर्वोत्तम हित है तो स्पष्ट रूप से हमें इस समझौते के साथ रहना चाहिए।”
मैटिस के अनुसार, “मेरा मानना है कि राष्ट्रपति को इस समझौते के साथ बने रहने पर विचार करना चाहिए।”
एक दशक तक लंबी वार्ता के बाद ईरान और छह विश्व शक्तियों – अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी और रूस के बीच जुलाई 2015 में यह समझौता हुआ था।
इस समझौते में बने रहना क्या अमेरिका के राष्ट्रीय हित में है, इस बारे में पूछे जाने पर मैटिस ने ‘हां’ में जवाब दिया।
मैटिस की यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र महासभा में पिछले महीने ट्रंप के भाषण से बिलकुल विपरीत प्रतीत हो रही है। ट्रंप ने अपने भाषण में समझौते को उलझन भरा कहा था और इससे अलग होने की मंशा के संकेत दिए थे।
वहीं, ईरानी नेताओं ने ट्रंप की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि ईरान ऐसे शत्रुतापूर्ण शब्दों से नहीं डरेगा।
–आईएएनएस
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