नई दिल्ली: दुनिया में सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक अर्जेटीना में सूखा पड़ने की वजह से फसल खराब होने की आशंका के बीच इस साल उत्पादन कम होने की उम्मीद है। भारत सबसे ज्यादा सोया तेल का आयात अर्जेंटीना से करता है। ऐसे में भारत के लिए सोया तेल का आयात आने वाले दिनों में महंगा हो सकता है।
अर्जेंटीना ब्यूनस आयर्स ग्रेन एक्सचेंज (बीएजीई) का अनुमान है कि सूखे की वजह से अर्जेंटीना में इस साल सोयाबीन का उत्पादन घट सकता है। बीएजीई ने अपनी हालिया रिपोर्ट में गुरुवार को अर्जेंटीना के सोयाबीन उत्पादन के अपने अनुमान में 25 लाख टन की कटौती कर 395 लाख टन रहने की उम्मीद जताई है। इससे पहले सोयाबीन उत्पादन 420 लाख टन रहने का अनुमान जारी किया गया था।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘सोयाबीन एंड कॉर्न एडवाइजर’ के मुताबिक अर्जेटीना में पिछले सप्ताहांत में बारिश हुई, लेकिन उससे फसलों को बहुत राहत नहीं मिली है। वहां, सूखे की वजह से पिछले सप्ताह बारिश होने से पहले तकरीबन 80 फीसदी फसल बेहद खराब हालत में बताई जा रही थी और 88 फीसदी खराब से थोड़ा कम खराब हालत में थी।
साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीईए) के मुताबिक भारत ने जनवरी 2018 में 2.24 लाख टन सोया तेल का आयात किया, जो पिछले साल 1.66 लाख टन से करीब 35 फीसदी है। इस तरह भारत सालाना 22.25 लाख टन सोया तेल का आयात करता है और देश में ज्यादातर अर्जेंटीना से ही सोया तेल मंगाया जाता है।
सीईए के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. बी. वी मेहता ने पिछले दिनों आईएएनएस से बातचीत में कहा, “खाद्य तेल की हमारी तकरीबन 70 फीसदी जरूरत आयात से पूर्ति होती है। ऐसे में आयात से निर्भरता कम करने के लिए घरेलू उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है जिसके लिए किसानों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि भावांतर योजना को अगर देशभर में सही तरीके से अमल में लाया जाए तो किसानों को उनकी फसल का दाम मिलेगा और तिलहनों का उत्पादन बढ़ेगा।
खाद्य तेल बाजार के जानकार मुंबई के सलील जैन बताते हैं कि घरेलू खाद्य तेल उद्योग की ओर से सोया तेल के आयात पर शुल्क बढ़ाने की मांग की जा रही है। अगर सरकार सोया और सूर्यमुखी तेल पर आयात शुल्क बढ़ाती है तो किसानों को अभी कोई फायदा तो नहीं मिलेगा लेकिन उपभोक्ताओं के लिए तेल जरूर महंगा हो जाएगा।
इस समय क्रूड सोया तेल पर आयात शुल्क 30 फीसदी और और रिफाइंड सोया तेल पर आयात शुल्क 35 फीसदी है। पिछले दिनों एक मार्च को क्रूड पाम तेल पर आयात शुल्क 30 फीसदी से बढ़ाकर 44 फीसदी और रिफाइंड पाम तेल पर 40 फीसदी से बढ़ाकर 54 फीसदी किए जाने के बाद से सोया और सूर्यमुखी समेत अन्य खाद्य तेल के आयात पर शुल्क बढ़ाने की मांग की जा रही है।
डॉ बी.वी मेहता का कहना है कि सभी खाद्य तेल पर एक समान आयात शुल्क होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि अर्जेंटीना में फसल खराब होने से भारत में जहां सोया तेल महंगा होगा वहीं, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अर्जेंटीना के डीओसी का भाव बढ़ने से भारत के डीओसी की मांग निकलेगी जिससे घरेलू बाजार में सोयाबीन की कीमतों को सहारा मिलेगा।
–आईएएनएस
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