तेहरान: ईरान-इराक सीमा के पास आए रिक्टर पैमाने पर 7.3 तीव्रता के भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 422 हो गई है। भूकंप से हुई तबाही के बाद हजारों लोगों ने ठंड के मौसम में खुले आसमान तले रात बिताई।
‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित हुए पहाड़ी प्रांत कर्मनशाह तक मदद पहुंचाने के लिए जूझ रही है जहां सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं।
राष्ट्रपति हसन रूहानी मंगलवार को इस इलाके की यात्रा कर सकते हैं।
ईरान के अधिकारियों का कहना है कि रविवार रात भूकंप से देश में 413 लोग मारे गए हैं जो इस साल दुनिया भर में भूकंप से मरने वालों की सबसे बड़ी संख्या है। भूकंप इराक के शहर दरबंदीखान से लगभग 30 किलोमीटर दक्षिण में ईरान के साथ उत्तर-पूर्वी सीमा के पास आया।
अधिकारियों ने बताया कि सीमा पार इराक में 9 लोग मारे गए हैं। भूकंप के झटके तुर्की, इजरायल, कुवैत और पाकिस्तान में भी महसूस किए गए।
अधिकारियों ने बताया कि भूकंप ने 30,000 से अधिक घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है और दो गांव पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।
भूकंप में प्रभावित लोग सोमवार की रात अस्थायी शिविरों या खुले में रात बिताने पर मजबूर हुए। कई लोग जिनके घर इस आपदा में सही-सलामत बच गए हैं, वे भी दोबारा झटकों के आने के डर से वापस अपने घर नहीं गए।
‘बीबीसी’ ने सरपोल-ए-जाहब की एक बेघर युवा महिला के हवाले से बताया, “यह बहुत ही ठंडी रात है। हमें मदद की जरूरत है। हमें हर चीज की जरूरत है। अधिकारियों को मदद के प्रयासों में तेजी लानी चाहिए।”
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्डस कॉर्प्स (आईआरजीसी) के प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने कहा कि तत्काल जरूरतों में तंबू, पानी और भोजन शामिल है।
ईरानी रेड क्रेसेंट ने कहा कि कई क्षेत्रों में पानी और बिजली नहीं है। भूकंप से सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के कारण सहायता प्रदान करने में कठिनाई आ रही है। ईरानी सेना के हेलीकाप्टर राहत प्रयासों में लगे हैं।
ईरान ने मंगलवार को राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।
–आईएएनएस
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