नैनीताल (उत्तराखंड): उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार से पूछा कि बद्रीनाथ मंदिर को राष्ट्रीय विरासत स्थल घोषित किया जा सकता है या नहीं।
कानून की छात्रा चेतना भार्गव द्वारा दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने जल निगम के वकील को निर्देश दिया कि क्षेत्र का निरीक्षण करें और अगली सुनवाई पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
न्यायमूर्ति वी.के.बिष्ट व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी ने केंद्र सरकार से मामले की अगली सुनवाई पर 27 अगस्त तक हलफनामा दाखिल करने को कहा। इसमें महाधिवक्ता से कहा गया है कि सचिव (शहरी विकास) के साथ क्षेत्र को विशेष तौर से विकसित करने की संभावना पर चर्चा करना चाहिए।
जनहित याचिका (पीआईएल) में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्र (एसटीपी) का निर्माण अलकनंदा व ऋषि गंगा के मुहाने पर किया गया है, जिससे गंदा सीवेज का पानी नदियों में जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की है कि एसटीपी को कही अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए, क्योंकि नदी के जल का इस्तेमाल मंदिरों द्वारा किया जाता है।
–आईएएनएस
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