टोरंटो| कनाडा में अप्रैल 2018 में लाल बत्ती (रेड लाइट) जंप करके एक भीषण दुर्घटना को अंजाम देने वाले एक भारतीय मूल के पंजाबी ट्रक चालक को अब भारत में निर्वासन का सामना करना होगा। कनाडा में भारतीय मूल के ट्रक ड्राइवर जसकीरत सिंह सिद्धू (31) पर एक बस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार होने का आरोप है। इस दुर्घटना में जूनियर हॉकी टीम के 16 खिलाड़ियों की मौत हो गई थी। इसे कनाडा के खेल इतिहास की सबसे बुरी दुर्घटना माना गया था।
सिद्धू ने छह अप्रैल, 2018 को सस्केचेवान प्रांत के आर्मले शहर के पास एक चौराहे पर हॉकी खिलाड़ियों को ले जा रही एक बस में अपना सेमी-ट्रेलर (ट्रक) से टक्कर मार दी थी।
लगभग 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ड्राइविंग करते हुए, सिद्धू ने लाल बत्ती के संकेत को ध्यान में नहीं रखा, अपने ट्रेलर को बस में घुसा दिया, जो पहले से ही चौराहे पर थी।
2013 में पंजाब से कनाडा आए सिद्धू आठ साल और मार्च 2019 में खतरनाक ड्राइविंग के लिए पांच साल की सजा सुनाई गई थी।
संबंधित अधिकारियों की ओर से निर्वासन का निर्णय अप्रैल 2021 तक आने की संभावना है।
सिद्धू के वकील माइकल ग्रीन ने गुरुवार को कहा कि चूंकि उनके मुवक्किल की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है, इसलिए उन्हें निर्वासित नहीं किया जाना चाहिए।
वकील ने कहा, “सिद्धू स्पष्ट रूप से उस तरह का आदमी नहीं है जो एक और अपराध करने जा रहा है। इसलिए सभी चीजों को एक साथ रखें। यह एक (आव्रजन) अधिकारी के लिए एक बहुत कठिन निर्णय होने जा रहा है।”
सिद्धू का निर्वासन गुरुवार को रेडियो शो का एक प्रमुख विषय बना रहा, जिसमें कनाड़ा के निवासी इस बात पर विभाजित दिखाई दिए कि क्या उन्हें देश में रहने दिया जाए या उनका निर्वासित होना सही कदम होगा।
–आईएएनएस
और भी हैं
झांसी हादसा : एक हादसे ने छीन ली 10 जिंदगियां, चिल्ड्रन वार्ड कैसे बना बच्चों की ‘कब्रगाह’ ?
जर्मनी में 3.2 मिलियन बुजुर्गों पर बढ़ा गरीबी का खतरा
झांसी अस्पताल हादसा : सीएमएस ने बताया, ‘एनआईसीयू वॉर्ड में लगी आग, ज्यादातर बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे