लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को लेकर विपक्ष पर करारा हमला किया है। उन्होंने कहा कि किसान हितों से खिलवाड़ करने वाले ओछी राजनीति कर रहे हैं। मुख्यमंत्री यहां बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार कह रही है कि मंडियां समाप्त नहीं होंगी, एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) खत्म नहीं होगी, फिर भी किसानों को गुमराह किया जा रहा है। मंडियों को ई-तकनीक से जोड़ने का कार्य हुआ है। मंडी शुक्ल 1 फीसद किया गया। बावजूद इसके, जिन्हें किसानों की प्रगति अच्छी नहीं लगती, देश का विकास अच्छा नहीं लगता, किसानों के चेहरे पर खुशहाली अच्छी नहीं लगती, वे लोग किसानों को भड़काने में लगे हैं। वे ओछी राजनीति कर रहे हैं।
योगी ने कहा कि किसान बिना किसी टैक्स के देश की किसी भी मंडी में अपने उत्पाद बेच सकते हैं। कृषि, पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन आदि क्षेत्रों में समन्वय स्थापित कर किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट की है। केंद्र और प्रदेश सरकार के प्रयासों से किसानों के जीवन में खुशहाली लाने का कार्य हुआ है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने रमाला चीनी मिल चालू कर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को सच्ची श्रृद्धांजलि दी है। रमाला में 50 हजार कुंतल प्रतिदिन गन्ना की पेराई हो रही है। सरकार ने चौधरी साहब को सम्मान देने के साथ ही किसानों का भी मान बढ़ाया है। चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि बागपत की रमाला चीनी मिल 30 वर्षों से बंद थी। उस चीनी मिल का नवीनीकरण और विस्तारीकरण नहीं किया गया था। किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले लोग सत्ता पर काबिज होते ही मौन हो जाते थे, कभी उनकी चिंता नहीं करते थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 1.2 लाख करोड़ का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कराया और बंद हो चुकीं चीनी मिलों को फिर से शुरू कराया। आज प्रदेश में चीनी मिलों का विस्तारीकरण किया जा रहा है। केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने भी किसान हित में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। चाहे वह 36,000 करोड़ से 86 लाख किसानों का ऋणमोचन हो या लंबित सिंचाई परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का कार्य, प्रदेश सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट की है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को किसान सम्मान निधि की अगली किस्त के रूप में किसानों के खातों में 18 हजार करोड़ रुपये भेजने वाले हैं, जिससे अन्नदाताओं के लिए समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया जा सके।
उन्होंने कहा कि किसानों को बिचौलियों और साहूकारों से मुक्ति मिल सके, इसके लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों को सहायता पहुंचाई जा रही है। इसके तहत प्रत्येक किसान के खाते में 6 हजार रुपये प्रतिवर्ष भेजने की व्यवस्था है। किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए लागत का डेढ़ गुना दाम तय किया गया है।
–आईएएनएस
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