नई दिल्ली केन्द्र सरकार के कृषि कानून को वापस लेने के बाद राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू यादव ने इस फैसले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, बीजेपी को चुनाव में नुकसान तो होना ही है, ऐसे भी नुकसान था, इसमें तो और नुकसान होगा। पंजाब, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों में चुनाव होंगे। यह लोग इन राज्यों में हार चुके हैं, इसलिए यह कदम उठाना पड़ा है। इनकी यहां भी हार हुई है और राज्यों में भी हार होगी। दरअसल कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले एक साल से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने देश के संबोधन के दौरान इन कानूनों को वापस लेने का एलान कर दिया।
हालांकि कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद विपक्षी पार्टी के तमाम नेता नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को वापसी करने को लेकर दबाब बनाने की कोशिश में जुट गए हैं। जब लालू प्रसाद यादव से आईएएनएस ने यह सवाल पूछा कि, क्या सरकार को कृषि कानून की वापसी के बाद (सीएए) को भी वापस लेना चाहिए ?
इस सवाल के जवाब में लालू प्रसाद यादव ने आईएएनएस से कहा कि, लोग मांग तो कर रहे हैं लेकिन सरकार सुनती नहीं है। अब यह रेल को बेच रहे हैं। देश में रेलवे सबसे ज्यादा रोजगार देता है। हमारे समय का मुनाफे का रेल, उसको घाटे में पहुंचा कर निजी हाथों में बेचा जा रहा है।
क्या कृषि कानून के वापसी के बाद भी भाजपा सरकार को चुनाव में नुकसान होगा ? इस सवाल के जवाब में लालू बोले कि, इनको नुकसान तो होना ही है, ऐसे भी नुकसान था इसमें तो और नुकसान होगा।
कृषि कानून वापसी की घोषणा के बाद दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों ने फैसले का स्वागत किया और साफ कर दिया है कि जब तक संसद से इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा तब तक आंदोलन इसी तरह चलता रहेगा।
लालू प्रसाद यादव ने मीडिया से बात करने के दौरान कहा कि, एमएसपी से ही देश के किसान और मजदूर को फायदा होगा। वो अभी तक नहीं हुआ है। देश तानाशाही रवैये से नहीं चलता है। किसी से राय नहीं लेना, विचार विमर्श नहीं करना। यह अच्छी बात नहीं है।
किसानों की इस लड़ाई में जीत हुई है लेकिन अभी इंतजार करना है। बिजली के रेट को जब तक सस्ता नहीं करोगे वहीं एमएसपी को नए सिरे से लागू नहीं करोगे तब तक कैसे किसानों को फायदा होगा?”
–आईएएनएस
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