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केजरीवाल सरकार ने दिल्ली परिवहन निगम में पहले बैच की 11 महिला ड्राइवरों को सौंपा नियुक्ति पत्र

पहले चरण में 11 महिलाएं बस चालक के रूप में अपना करियर शुरू करेंगी और इस सप्ताह डीटीसीके विभिन्न डिपो में तैनात की जाएंगी

बस ड्राइविंग को करियर के रूप में अपनाकर आज ये महिलाएं समाज में रोल मॉडल बन गई हैं और मुझे उम्मीद है कि अब और अधिक महिलाएं बस चालक बनने के लिए प्रेरित होंगी- कैलाश गहलोत

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए दिल्ली परिवहन निगम में बस चालक के रूप में शामिल होने वाली 11 महिला चालकों को नियुक्ति पत्र सौंपा। परिवहन मंत्री  कैलाश गहलोत ने परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा, दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) के प्रबंध निदेशक राजेश अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में 11 महिला चालकों को नियुक्ति पत्र सौंपा। इसी के साथ 11 महिला चालकों का पहला जत्था अब बस चालक के रूप में अपना करियर शुरू कर दिया है और अब उन्हें दिल्ली परिवहन निगम के विभिन्न डिपो में तैनात किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि फरवरी में, दिल्ली सरकार ने अपने बस संचालन के लिए महिलाओं को ड्राइवर के रूप में भर्ती करने के लिए मानदंडों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए थे। दिल्ली सरकार ने न्यूनतम ऊंचाई मानदंड 159 सेमी से घटाकर 153 सेमी और अनुभव मानदंड को कम कर 1 महीने का कर दिया था। इस कदम से दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) में लगभग 7370 बसों के संयुक्त बेड़े में महिलाओं के रोजगार के अवसर बढ़ गए हैं। इस कदम ने राज्य के सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के 15000 बस चालकों के मजबूत कार्यबल के भीतर महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों को खोल दिया है।

दिल्ली सरकार ने परिवहन सम्बंधित कार्य में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई पहलों को लागू किया है। इस साल अप्रैल में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सोसाइटी फॉर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसडीटीआई), बुरारी में महिलाओं को भारी मोटर वाहन (एचएमवी) लाइसेंस प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए ‘मिशन परिवर्तन’ की शुरुआत की थी। इस पहल को दिल्ली सरकार और अशोक लीलैंड लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में लागू किया जा रहा है ताकि एचएमवी श्रेणी के ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए 180 महिला उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जा सके। दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (डीआईएमटीएस) ने सीएसआर के तहत इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए सोसाइटी फॉर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसडीटीआई) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। दो बैचों में 81 महिलाओं ने पहले ही यह प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और 38 ने अपने एचएमवी लाइसेंस प्राप्त कर लिए हैं। इनमें से 10 महिलाएं वर्तमान में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) प्रशिक्षण केंद्र, नंदनगरी में बस चालक के रूप में शामिल होने के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं और 31 अन्य ने डीटीसी प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण लेने के लिए आवेदन किया है। इससे पहले 2021 में भी, दिल्ली सरकार ने विशेष रूप से महिला ड्राइवरों के लिए 4261 नए ई-ऑटो पंजीकरण में से 33 फीसद आरक्षित किया था।
दिल्ली सरकार ने भविष्य में पेशेवर टैक्सी चालक बनने के लिए ड्राइवर प्रशिक्षण लेने की इच्छुक महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए जुलाई में एक योजना भी शुरू की थी। सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, प्रशिक्षण का 50 फीसद अर्थात प्रत्येक महिला के लिए लगभग 4800 रुपये परिवहन विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। महिलाओं का प्रशिक्षण बुराड़ी, लोनी और सराय काले खां में सरकार द्वारा स्थापित इन-हाउस ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों में आयोजित किया जाएगा। पहल के अनुसार, सरकार ने इन कंपनियों में ड्राइविंग रोजगार चाहने वाली महिलाओं के लिए प्रशिक्षण लागत के शेष 50 फीसद को प्रायोजित करने के लिए फ्लीट मालिकों और एग्रीगेटर्स को आमंत्रित किया है।
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “मैं उन सभी महिलाओं को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया है। बस ड्राइविंग को करियर विकल्प के रूप में अपना कर आज ये महिलाएं समाज में रोल मॉडल बन गई हैं और मुझे उम्मीद है कि इसके बाद और अधिक महिलाएं बस चालक बनने के लिए प्रेरित होंगी। मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।”

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