नई दिल्ली | कोरोना रोगियों के उपचार को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच एक बार फिर ठन गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल पर दिल्लीवालों के लिए बहुत बड़ी समस्या और चुनौती पैदा करने का आरोप लगाया है। केजरीवाल मंत्रिमंडल ने दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के कोरोना रोगियों के उपचार का फैसला लिया था। हालांकि 24 घंटे से भी कम समय में दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के फैसले को पलट दिया है। उपराज्यपाल ने अपने आदेश में दिल्ली सरकार के फैसले को पलटते हुए कहा है कि पूरे देश में कहीं भी रहने वाला कोई भी व्यक्ति दिल्ली में कोरोना का उपचार करवा सकता है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही उन्होंने उपराज्यपाल पर दबाव में काम करने का आरोप लगाया है।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “बीजेपी की राज्य सरकारें पीपीई किट घोटालों और वेंटिलेटर घोटालों में व्यस्त हैं। दिल्ली सरकार सोच समझकर, ईमानदारी से इस डिजास्टर को मैनेज करने की कोशिश कर रही है। यह बीजेपी से देखा नहीं जा रहा, इसलिए उपराज्यपाल पर दबाव डालकर घटिया राजनीति की है।”
वहीं उपराज्यपाल के इस के इस फैसले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “एलजी साहिब के आदेश ने दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या और चुनौती पैदा कर दी है। देशभर से आने वाले लोगों के लिए करोना महामारी के दौरान इलाज का इंतजाम करना बड़ी चुनौती है। शायद भगवान की मर्जी है कि हम पूरे देश के लोगों की सेवा करें। हम सबके इलाज का इंतजाम करने की कोशिश करेंगे।”
सोमवार को दिल्ली सरकार ने कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आधिकारिक घोषणा की थी कि सरकार के अंतर्गत आनेवाले हॉस्पिटल और दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज होगा। वहीं केंद्र सरकार के हॉस्पिटल जैसे एम्स, सफरदरजंग और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) में सभी लोगों का इलाज हो सकेगा, जैसा अबतक होता भी आया है। हालांकि, कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल जो स्पेशल सर्जरी करते हैं जो कहीं और नहीं होती उनको करवाने देशभर से कोई भी दिल्ली आ सकता है, उसे रोक नहीं होगी।
–आईएएनएस
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