नई दिल्ली:कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2006 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और बांग्लादेश ग्रामीण बैंक के संस्थापक मुहम्मद यूनुस के साथ अपनी बातचीत में शुक्रवार को कहा कि नोवेल कोरोनावायरस महामारी ने एक नई कल्पना के साथ ही वापस ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ओर जाने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी अर्थव्यवस्था के लिए कुछ गंभीर समस्याएं हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ओर जाने का रास्ता खुला है।
कांग्रेस नेता से बात करते हुए यूनुस ने कहा, मैंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने अचानक पूरी आर्थिक मशीन को रोक दिया है। अब पूरा जोर इस बात पर आ रहा है कि आप जिस जगह से आए हैं, वहां कितनी जल्दी वापस जा सकते हैं।
यूनुस ने कहा कि केवल पूंजी आधारित और ग्लोबल वामिर्ंग के साथ उस दुनिया में क्यों वापस जाना है, जिसमें धन बहुत कम लोगों के पास रहा है। अधिकांश लोगों का उस धन से कोई लेना-देना नहीं रहा है। यह आपदा अवसर की तरह लेने का मौका है, जिसमें अर्थव्यवस्था की धुरी केवल शहर ही न हों, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी बराबर की हिस्सेदार हो।
उन्होंने कहा कि वापस जाना हानिकारक होगा और कोरोना ने आपको कुछ नया करने का मौका दिया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लेने का समय है।
केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ग्रामीण बैंक के संस्थापक से बात करते हुए कहा, यह एक पूरी तरह से पश्चिमी मॉडल है जिसे हमने लॉक स्टॉक और बैरल को अपनाया है। इस मॉडल में गंभीर समस्याएं हैं। इस मॉडल में गंभीर विरोधाभास हैं, जो पर्यावरण और समाज को नष्ट कर देता है।
राहुल गांधी ने कहा कि हमें अपनी पारंपरिक संरचनाओं के बारे में सोचने की जरूरत है। उन्होंने ग्रामीणों के उत्थान पर जोर दिया।
ग्रामीण बैंक के संस्थापक ने माना कि नई प्रणाली बनाने का समय आ गया है।
राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान प्रवासी मजदूरों के संकट से निपटने के लिए सरकार पर लगातार निशाना साध रहे कांग्रेसी नेता ने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है। उन्होंने यह भी कहा कि सूक्ष्म उद्यमी अचानक फंसे हुए पाए गए।
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने लोगों को दर्द से गुजरते देखा है। उन्होंने प्रभावित लोगों की तुरंत देखभाल और उन्हें नकदी मुहैया कराने पर जोर दिया।
राहुल गांधी कोरोना संकट के दौर में अलग-अलग क्षेत्र की हस्तियों और विशेषज्ञों के साथ चर्चा करते रहे हैं।
–आईएएनएस
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