नई दिल्ली| दिल्ली के निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए मोटा पैसा वसूल रहे निजी अस्पतालों पर गृह मंत्रालय ने लगाम लगाई है। गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर गठित कमेटी ने निजी अस्पतालों में इलाज का रेट फिक्स कर दिया है। कमेटी ने दरों की सिफारिशें गृहमंत्रालय को सौंपी है। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि कमेटी की सिफारिशों को मान भी लिया गया है। कमेटी ने निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च एक तिहाई कम करने की सिफारिश की है।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. पॉल की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने आइसोलेशन बेड के लिए अधिकतम 8,000 से 10,000 आईसीयू बिना आक्सीजन सपोर्ट के लिए 13,000 से 15,0000 और आईसीयू विद वेंटिलेटर के लिए 15,000 से 18,000 रुपये का खर्च तय किया है। इसमें पीपीई किट की लागत भी शामिल रहेगी। मतलब, अस्पताल पीपीई किट के लिए अलग से पैसा नहीं ले सकते। जबकि मौजूदा समय दिल्ली के निजी अस्पतालों में आईसोलेशन बेड के लिए 24,000 से 25,000, आईसीयू विदाउट ऑक्सीजन सपोर्ट 34,000 से 43,000 और आईसीयू विद वेंटिलेटर के लिए 44,000 से 54,000 रुपये वसूले जा रहे थे।
गृहमंत्री अमित शाह ने बीते दिनों हुई सर्वदलीय बैठक के बाद आम आदमी को राहत देने के लिए नीति आयोग के सदस्य की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी। गृहमंत्री अमित शाह ने कमेटी से कहा था कि दिल्ली के निजी अस्पतालों में आइसोलेशन बेड, आईसीयू विदाउट वेंटिलेटर और आईसीयू विद वेंटिलेटर सपोर्ट के लिए रेट तय किया जाए।
गृहमंत्री शाह की पहल पर दिल्ली में कोरोना टेस्टिंग के नमूने भी डबल हो गए हैं। 15 से 17 जून के बीच 27,263 नमूने दिल्ली में लिए गए। जबकि शुरुआत में 4000-4500 सैंपल लिए जाते थे। कंटोनमेंट जोन में डोर टू डोर सर्वे में भी तेजी आई है।
गृहमंत्री शाह के निर्देश पर कुल 242 कंटोनमेंट जोन में डोर टू डोर सर्वे किया गया। अब तक 2.3 लाख लोगों का सर्वे हुआ है। टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के लिए अमित शाह की पहल पर दिल्ली में रैपिड एंटीजन टेस्टिंग सेंटर्स शुरू हुए हैं। कुल 193 टेस्टिंग सेंटर्स पर बीते गुरुवार को 7,040 लोगों का टेस्ट हुआ ।
–आईएएनएस
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