नई दिल्ली | मध्यप्रदेश, राजस्थान व उत्तरप्रदेश के बीहड़-क्षेत्र में विकास की बयार लाने वाली बहुप्रीक्षित परियोजना चंबल एक्सप्रेस-वे को अमलीजामा पहनाने की कवायद शुरू हो गई है। चंबल एक्सप्रेस-वे को लेकर शनिवार को यहां हुई एक बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने परियोजना पर सैद्धांतिक रूप से तत्काल सहमति जताने के साथ-साथ इसे ‘भारतमाला परियोजना’ में शामिल करने का निर्देश दिया। गडकरी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री और मुरैना से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया से शामिल हुए। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि चंबल एक्सप्रेस-वे से बनने से बीहड़ क्षेत्र में विकास की बयार बहेगी और इलाके का चहुंमुखी विकास होगा।
जानकारी के अनुसार, चंबल एक्सप्रेस-वे की प्रारंभिक अनुमानित लंबाई 404 किलोमीटर रहेगी, जिसमें 309 किमी हिस्सा मध्यप्रदेश में, 78 किमी राजस्थान में और 17 किमी उत्तर प्रदेश होगा और इसकी अनुमानित लागत 7,532 करोड़ रुपये रहेगी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, यह फोरलेन परियोजना रहेगी, जिसे बाद में आठ लेन किया जा सकेगा। एक्सप्रेस-वे पिछड़े क्षेत्र-बीहड़ से होकर बनेगा। इटावा से कोटा वाया भिंड, मुरैना, श्योपुर जिले के गांवों से होकर मार्ग गुजरेगा और इसके बनने से चंबल के पिछड़े बीहड़ इलाके का विकास होगा।
गडकरी ने कहा कि राजस्थान पर इस परियोजना का कोई वित्तीय भार नहीं आएगा, इसलिए इसे स्वीकृति देने में कोई दिक्कत या विलंब नहीं होना चाहिए। उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से भी समय-सीमा में जरूरी मंजूरी देने का आग्रह किया।
गड़करी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से पिछड़े इलाके में सामाजिक-आर्थिक बदलाव आएगा, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुरूप है। उन्होंने इस एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ एकीकृत औद्योगिक शहर एवं गांव विकसित करने की योजना बनाने का सुझाव भी दिया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “यह मध्यप्रदेश का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसके लिए काफी तैयारियां हो चुकी है। सर्वे भी हो गया है। राज्य सरकार जमीन अधिग्रहण बहुत जल्द करके हैंडओवर कर देगी और फारेस्ट क्लीयरेंस में भी देर नहीं लगेगी।”
चौहान ने कहा कि इससे पूरे चंबल संभाग की तस्वीर इससे बदल जाएगी क्योंकि एक बड़ा इंडस्ट्रीयल कारिडोर यहां बनेगा। उन्होंने कहा कि वे प्रोजेक्ट की प्रतिदिन मॉनिटरिंग करेंगे।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि सबसे पहले वर्ष 2017 में इस प्रोजेक्ट का विचार-विमर्श हुआ और वर्ष 2018 में गडकरी ने इसे शुरू करने की घोषणा की, लेकिन बीच में तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार के समय कुछ विलंब हुआ। उन्होंने कहा कि अब इस महत्वपूर्ण परियोजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा। तोमर ने कहा कि इस इस परियोजना से इलाके में औद्योगिक विकास होगा।
उन्होंने कहा कि चंबल एक्सप्रेस वे से भिंड, मुरैना, श्योपुर जिले के साथ आसपास के पूरे इलाके की तस्वीर बदल जाएगी क्योंकि एक्सप्रेस-वे में ही दोनों ओर लॉजिस्टिक पार्क, औद्योगिक केंद्र, कृषि उत्पाद केंद्र, खाद्य प्रसंस्करण केंद्र, स्मार्ट सिटीज, शिक्षा केंद्र, रिसॉर्टस एवं मनोरंजन केंद्र आदि प्रस्तावित किए जाएंगे, जिससे क्षेत्र का तेजी से चहुंमुखी विकास होगा।
–आईएएनएस
और भी हैं
देश में इनोवेशन बढ़ाने के लिए हो एक लाख करोड़ के एएनआरएफ फंड का इस्तेमाल : पीयूष गोयल
अदाणी ग्रुप ने यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और एसईसी के आरोपों को किया खारिज
जीतन राम मांझी ने 43वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ), 2024 में “एमएसएमई मंडप” का उद्घाटन किया