मुंबई | जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेशकों की लाइन लग गई है। एक महीने में कंपनी को पांचवा बड़ा इंवेस्टमेंट मिला है। अब अमेरिकी कंपनी केकेआर जियो प्लेटफॉर्म्स में 11 हजार 367 करोड़ का इंवेस्टमेंट करने जा रही है। एशिया में अमेरिकी निजी इक्विटी फंड केकेआर का यह सबसे बड़ा निवेश है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और भारत के प्रमुख डिजिटल सर्विस प्लेटफॉर्म जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड ने शुक्रवार को घोषणा कर कहा कि अमेरिकी निजी इक्विटी फंड केकेआर जियो प्लेटफॉर्म्स में 11 हजार 367 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
केकेआर ने 2.32 प्रतिशत इक्विटी के लिए जियो प्लेटफॉर्म्स में 11,367 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। केकेआर ने जियो प्लेटफॉर्म्स की इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ रुपये आंकी है।
करीब 1 महीने पहले फेसबुक के इंवेस्टमेंट के साथ, जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वह थम नही रहा है। अब तक कुल पांच बड़े इंवेस्टर्स द्वारा जियो प्लेटफॉर्म्स में कुल 78 हजार 562 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है।
सबसे पहले फेसबुक निवेश ले कर आया। उसके बाद विश्व के अग्रणी निवेशक सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स एवं जनरल अंटलांटिक और अब अमेरिकी निजी इक्विटी फंड केकेआर।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, “दुनिया के सबसे सम्मानित वित्तीय निवेशकों में से एक केकेआर का एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में स्वागत करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “केकेआर भारतीय डिजिटल इको सिस्टम में बदलाव की हमारी यात्रा का हमसफर बनेगा। यह सभी भारतीयों के लिए लाभप्रद होगा। केकेआर भारत में एक प्रमुख डिजिटल सोसाइटी के निर्माण के हमारे महत्वाकांक्षी लक्ष्य को साझा करता है।”
अपनी बात को जारी रखते हुए वह आगे कहते हैं, “एक महत्वपूर्ण भागीदार होने का केकेआर का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है। हम जियो को आगे बढ़ाने के लिए केकेआर के वैश्विक प्लेटफॉर्म, इंडस्ट्री की जानकारीयां और परिचालन विशेषज्ञता का लाभ उठाने की उम्मीद करते हैं।”
वहीं, केकेआर के सह-संस्थापक और को-सीईओ हेनरी क्राविस ने कहा, “कुछ कंपनियों के पास ही देश के डिजिटल इको सिस्टम को बदलने की ऐसी क्षमता होती है, जैसा जियो प्लेटफॉर्म्स भारत में और संभवत: दुनिया भर में कर रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “जियो प्लेटफॉर्म्स एक सच्चा स्वदेशी प्लेटफॉर्म है, जो भारत में डिजिटल क्रांति कर रहा है और इसके पास देश को प्रौद्योगिकी समाधान और सेवाएं देने की बेजोड़ क्षमता है। हम जियो प्लेटफॉर्म्स की प्रभावशाली गति, विश्व स्तरीय इनोवेशन और मजबूत नेतृत्व टीम के कारण निवेश कर रहे हैं। इस निवेश को हम भारत और एशिया प्रशांत में अग्रणी प्रौद्योगिकी कंपनियों के समर्थन के लिए केकेआर की प्रतिबद्धता के रूप में देखते हैं।”
गौरतलब है कि जियो प्लेटफॉर्म्स रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की फुली ओन्ड सब्सिडियरी है। ये एक नेक्स्ट जनरेशन टेक्नॉलोजी कंपनी है, जो भारत को एक डिजिटल सोसायटी बनाने के काम में मदद कर रही है। इसके लिए जियो के प्रमुख डिजिटल एप, डिजिटल इकोसिस्टम और भारत के नंबर 1 हाई-स्पीड कनेक्टिविटी प्लेटफॉर्म को एक-साथ लाने का काम कर रही है।
38 करोड़ 80 लाख ग्राहक वाली रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड, जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड की होल्ली ओन्ड सब्सिडियरी बनी रहेगी।
वहीं, 1976 में स्थापित केकेआर के पास वैश्विक निजी उद्यमों में निवेश का लंबा अनुभव है। निजी इक्विटी और टेक्नोलॉजीग्रोथ फंड के माध्यम से केकेआर ने बीएमसी सॉफ्टवेयर, बाइटडांस और गोजेक सहित कई प्रौद्योगिकी कंपनियों में सफलतापूर्वक निवेश किया है।
–आईएएनएस
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