नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झूठ बोलने में माहिर बताते हुए कांग्रेस ने रविवार को उनसे कांग्रेस को मुस्लिम पार्टी कहने के लिए देश से माफी मांगने की मांग की।
कांग्रेस ने उनके लगाए आरोपों पर इसी सप्ताह शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में मोदी को इस मुद्दे पर चर्चा करने की चुनौती दी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, “प्रधानमंत्री झूठ बोलने में माहिर हैं। वे इतिहास को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। वे वोट के जुगाड़ के लिए बेसब्र हैं और उनके पास दिखाने के लिए पिछले चार साल की कोई उपलब्धि नहीं है।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस को किसी ऐसे व्यक्ति से राष्ट्रीयता का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है, जिसकी पार्टी या संगठन ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया, बल्कि अंग्रेजों की मदद की।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नहीं, बल्कि पूरे देश का होता है। लेकिन मोदी यह भूल जाते हैं, वोट का जुगाड़ करने के लिए अपने पद की गरिमा को ताक पर रख देते हैं।
शर्मा ने कहा, “कांग्रेस ने राष्ट्रीय आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। उस पार्टी को मुस्लिम पार्टी बुलाना एक प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता। उन्हें इतिहास का अल्पज्ञान है। उन्होंने खुद झूठा इतिहास रच लिया है।”
उन्होंने कहा, “अपने बयानों से प्रधानमंत्री ने न केवल इतिहास का अपमान किया है, बल्कि भारत की उपलब्धियों को कम आंका है। उनकी बीमार मानसिकता देश के लिए चिंता का विषय है। उन्हें गलत बयान देने और झूठ बोलने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।”
कांग्रेस सांसद ने समूचे विपक्ष से पिछले मानसून सत्र की तरह इस सत्र को भी व्यवधान डालकर नष्ट करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मोदी कांग्रेस की बात करने के बजाय 2014 के अपने वादों को याद करें और देश को बताएं कि चार साल में कितने वादे पूरे किए।
उन्होंने कहा, “मोदी के पास संसद में अपने काम को लेकर चर्चा और बहस करने का साहस नहीं है। चाहे वह रोजगार का वादा हो या किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का, सारे वादे टूट गए हैं।”
कांग्रेस को सिर्फ मुस्लिम पुरुषों का हितकारक बताने के मोदी के बयान पर शर्मा ने कहा, “मोदी कब से महिलाओं के रक्षक बन गए. जिस राज्य में वह बोल रहे थे, वहां प्रतिदिन दुष्कर्म हो रहे हैं। यहां तक कि कल जब वह भाषण दे रहे थे, एक महिला के साथ एक मंदिर में सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसे जिंदा जला दिया गया। उन्होंने क्या कार्रवाई की? सिर्फ झांसे से देश नहीं चलता।”
–आईएएनएस
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