वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सीनेटर बॉब कॉर्कर के बीच जारी मतभेद तब सार्वजनिक रूप से सामने आ गए, जब कॉर्कर ने ट्रंप पर देश को नीचा दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर उन्हें दोबारा मौका मिला तो वे ट्रंप का कतई समर्थन नहीं करेंगे।
सीएनएन के मुताबिक, इससे पहले ट्रंप ने सेवानिवृत्त होने जा रहे कॉर्कर पर पार्टी के कर सुधारों के प्रयासों में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाया था।
कॉर्कर ने कहा कि फिर मौका मिला तो वे ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव में दोबारा कभी समर्थन नहीं देंगे।
कॉर्कर ने कहा कि ट्रंप सच्चाई को स्वीकारना नहीं चाहते और बतौर राष्ट्रपति अपने कार्यकाल में उन्हें मुख्यरूप से अमेरिका को नीचा दिखाने के लिए जाना जाएगा।
सीएनएन के मुताबिक, कॉर्कर ने कहा, “मुझे लगता है कि मुझ समेत, हममें से कई लोगों ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की। मैने उनके साथ निजी तौर पर भोज किया और इसके अलावा भी कई बार उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह संभव है। वह राष्ट्रपति की गरिमा के अनुरूप व्यवहार नहीं करेंगे।”
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि राष्ट्रपति बच्चों के लिए आदर्श हैं, उन्होंने कहा, “नहीं, कतई नहीं।”
सीनेट की विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष ने कहा, “मुझे लगता है कि इस समय जो चीजें हो रही हैं, वे हमारे देश के लिए नुकसानदायक हैं, चाहे यह दुनिया के साथ हमारे रिश्तों के टूटने की बात हो या कुछ और।”
कॉर्कर ने कहा, “मुझे लगता है कि अंत में जब उनका कार्यकाल पूरा होगा, हमारे देश को नीचा दिखाने, लगातार झूठ बोले, दूसरों पर टीका-टिप्पणी करने..इनमें से सबसे ज्यादा उन्हें हमारे देश को अस्थिर रखने के लिए याद रखा जाएगा और यह दुखद है।”
साक्षात्कार के बाद ट्रंप ने ट्वीट कर कॉर्कर को ‘विदेशी मामलों की समिति का अयोग्य अध्यक्ष’ कहा। जिसके जवाब में कॉर्कर ने कहा कि हर कोई ट्रंप की धमकियों से वाकिफ है।
–आईएएनएस
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