नई दिल्ली| दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी व डीन ऑफ कॉलेजिज प्रोफेसर बलिराम पाणी से टीचिंग के साथ-साथ नॉन टीचिंग कर्मचारियों की भी प्रमोशन करने की मांग की गई है। दरअसल दिल्ली विश्वविद्यालय व उससे संबद्ध कॉलेजों के कर्मचारियों की पदोन्नति पिछले एक दशक से नहीं हुई है। दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) ने कहा कि कॉलेजों में पदोन्नति न होने के कारण कुछ लोग या तो यूनिवर्सिटी को छोड़कर जा रहे हैं या बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे हैं । जिनकी पदोन्नति नहीं हो रही है वे इस तनाव में जी रहे हैं कि आखिर कब हमारी पदोन्नति होगी। हर महीने कर्मचारी बिना प्रमोशन के सेवानिवृत्त हो रहे हैं लेकिन उनकी जगह नई भर्ती नहीं ही हो रही है। हालात यह है कि इन कॉलेजों में 30 से 50 फीसदी पद खाली पड़े हुए हैं ,इनमें सबसे ज्यादा पद दिल्ली सरकार के 28 कॉलेज है जहां नियुक्ति व पदोन्नति नहीं हुई है।
शिक्षक संगठन के मुताबिक कॉलेजों में खाली पड़े पदों के विज्ञापन नहीं निकाले जा रहे हैं बल्कि उनके स्थानों पर कंट्रेक्च ुअल अपॉइंटमेंटस की जा रही है जबकि इन कॉलेजों में गवनिर्ंग बॉडी है। कुछ कॉलेजों ने अपना रोस्टर पास कराने के विश्वविद्यालय भेजा हुआ है तो कुछ ने ईडब्ल्यूएस व पीडब्ल्यूडी रोस्टर में हुए बदलाव के कारण रोस्टर नहीं बनाया है।
डीटीए प्रभारी डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि पिछले छह महीने से तीव्र गति से कॉलेज शिक्षकों की प्रमोशन हो रही है जिससे उन्हें आर्थिक लाभ मिल रहा है ,शिक्षकों के साथ-साथ कर्मचारियों की भी प्रमोशन होती है तो उन्हें भी आर्थिक लाभ के साथ डेजीनेशन का लाभ मिलता है।
उनका कहना है कि पिछले एक दशक से लाइब्रेरी ,एकाउंट सेक्शन और ऑफिस में पदोन्नति न होने से नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं हो रही है। यूजीसी द्वारा ओबीसी कोटे के पदों को भरने के लिए निर्देश जारी किए जाने के बाद भी उन पदों को कॉलेजों द्वारा नहीं भरा जा रहा है। जबकि इन पदों को भरने के लिए कॉलेज विश्वविद्यालय प्रशासन से अपना रोस्टर पास करा चुके हैं। यूजीसी ने इन पदों को भरने के लिए 31 दिसंबर 2021 तक का समय दिया है।
–आईएएनएस
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