लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद का दौरा करने के बाद अपने कार्यक्रम में कटौती की है और तब्लीगी जमात के मरकज के मद्देनजर अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करने के लिए लखनऊ लौट रहे हैं, जिसने कोरोना मामले को बढ़ावा दे दिया है। । अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के अनुसार, मुख्यमंत्री इस महीने की शुरुआत में जमात की मरकज में भाग लेने वालों को क्वारंटीन करने के लिए किए जा रहे संगरोधी उपायों की समीक्षा करेंगे।
इस बीच, सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महाली ने एक वीडियो संदेश में कहा कि तब्लीगी जमात एक धार्मिक संगठन है, लेकिन इसे सरकार द्वारा घोषित सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मामले में जिम्मेदारी तय करने के लिए घटना की जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संगठन का कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं है।
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोनावायरस को नियंत्रित करने के प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे है।
उन्होंने कहा कि अगर इसके कारण कोई मौत हुई, तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
–आईएएनएस
और भी हैं
संभल की घटना पर बोली कांग्रेस, ‘योगी राज में कोई सेफ नहीं’
एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में महायुति को बहुमत, एमवीए को झटका
मध्य प्रदेश की पहली मेडिसिटी का उज्जैन में भूमि पूजन