नई दिल्ली| कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले अब कम होने लगे हैं, इसके साथ ही कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। दिल्ली में अनलॉक का दूसरा चरण शुरू हुआ। ऐसे में बाजारों में ऑड-ईवन के आधार पर सोमवार को दुकानें खुलीं। हालांकि पहले दिन व्यापारियों और ग्राहकों में दुविधा देखी गई। 50 दिनों तक लॉकडाउन के कारण बंद रहने के बाद सोमवार को चांदनी चौक बाजार में दुकानें खुलने के साथ ही लोगों की आवाजाही रही। ज्यादातर लोग अपने अधूरे रहे गए कामों को पूरा करने में जुटे रहे।
हालांकि बाजारों में ऑड-ईवन फॉर्मूले के आधार पर दुकानें तो खुलीं, लेकिन अधिकांश दुकानों में साफ-सफाई का काम हुआ तो कुछ दुकानों में ग्राहकों का इंतजार होता रहा। वहीं, कोरोना संक्रमण के भय से बाजारों में ग्राहक कोरोना नियमों का पालन करते हुए नजर आए।
पुलिस प्रशासन द्वारा भी लगातार बाजारों में गश्त लगाता रहा और लाउडस्पीकर से कोरोना नियमों का पालन करने को कहता रहा।
चांदनी चौक बाजार में साइकिल का व्यापार करने वाले राजीव बत्रा ने आईएएनएस को बताया, ऑड-ईवन पॉलिसी बेहद परेशानी वाली है, सुबह एक घंटा पहले आने के बाद लोगों को मॉनिटर करने में लगा दिया कि आज किसकी दुकान खुलेगी और किसकी नहीं। वहीं कुछ दुकानें ऐसी हैं, जिनके एक साथ एक ही नंबर है। उनके बीच बड़ी दुविधा रही।
बाजार आने वाला ग्राहक आजाद होता है वो हर तरह का सामान खरीदता है। ग्राहक परेशान रहेंगे। आज इस दुकान से सामान ले लिया, अब कल इनसे लेना है। दुकानदार भी एक-दूसरे की दुकान से सामान लेते हैं, अब वह ऐसा नहीं कर सकेंगे।
उन्होंने बताया, हम व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से गुजारिश भी की कि आप किसी और आधार पर दुकान खोल दें, लेकिन उन्हें ऑड-ईवन से बेहद प्रेम है, लेकिन हम दुकानदार इससे संतुष्ट नहीं हैं।
वहीं बाजार में कैमरे की दुकान चलाने वाले मुकुंद ने आईएएनएस को बताया, ऑड ईवन का कोई मतलब नहीं बनता, ताकि लोगों को लगे की बंद है। समझ नहीं आता, आज एक दुकान खुली है, कल कोई और दुकान खुली है। इस तरह से व्यापार नहीं हो पाता। वहीं ग्राहकों को पता ही नहीं कि आज कौन सी दुकान खुली है या बंद है।
उन्होंने कहा, 15 दिन और बंद कर दो बाजारों को, लेकिन इस तरह से व्यापार नहीं होता। सुबह से लोगों को पता नहीं कि किस दुकान में जाएं।
बाजार में साड़ी और लहंगे का व्यापार करने वाले राजकुमार ने बताया, हम ऑड-ईवन से संतुष्ट नहीं हैं। एक तो ग्राहक घबराया हुआ है, वहीं हम सुबह से खाली बैठे हुए हैं। कोई ग्राहक नहीं आया। हम दुकानदार भी डर रहे हैं, जब तक वैक्सीन नहीं लगेगी, तब तक ग्राहक नहीं आएगा।
लॉकडाउन को या तो पूरा खोलें या आगे बढ़ा दें, ताकि हम व्यापार नहीं कर सकते। हम दो महीने से घर बैठे हैं, थोड़ा और बैठ लेंगे। लेकिन दुकान खुलें तो एक साथ खुलें।
बाजार में मौजूद ग्राहकों की मानें तो उनके लॉकडाउन से पहले के कुछ सामान दुकानों पर रह गए हैं, जिसके कारण अब उन्हें लेने आना पड़ रहा है।
दिल्ली निवासी अर्चित ने बताया, मेरा फोन खराब हो गया, मार्केट में ठीक कराने के लिए छोड़ा था, लेकिन उसके बाद लॉकडाउन लग गया। अब जाकर बाजार फोन लेने आया हूं, लेकिन अब ये भी देखना है कि वो दुकान खुली है या नहीं।
दरअसल, दिल्ली के प्रमुख थोक बाजारों जैसे- चांदनी चौक, खारी बावली, नया बाजार, कश्मीरी गेट, चावड़ी बाजार, सदर बाजार, करोल बाग, पहाड़गंज, गांधी नगर आदि जगहों पर डर के कारण कम ग्राहक नजर आए।
वहीं दिल्ली की रिटेल बाजार कनॉट प्लेस, करोल बाग का कुछ हिस्सा, खान मार्केट, लाजपत नगर, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, अशोक विहार, कमला नगर, शालीमार बाग, पीतमपुरा, रोहिणी, राजौरी गार्डन, लक्ष्मी नगर, प्रीत विहार, जगतपुरी, शाहदरा एवं कृष्णा नगर आदि में ऑड-ईवन फॉर्मूला के आधार पर दुकानें खुलीं, लेकिन पहले दिन सभी जगहों का एक सा हाल रहा।
कनॉट प्लेस मार्केट एसोसिएशन, नई दिल्ली ट्रेड एसोसिएशन के एग्जीक्यूटिव मेंबर ने आईएएनएस को बताया, मल्टीनेशनल स्टोर की दुकानों में दुविधा रही ऑड ईवन का, जिसके कारण दुकान का स्टाफ आया और लौट आया। हालांकि मार्केट में कुछ ग्राहक दोपहर बाद नजर आए, लेकिन आज अधिक्तर दुकानों में साफ-सफाई हुई। वहीं, हमारे मार्केट में स्पेस ज्यादा है तो कुछ ग्राहक रुककर सामान खरीदते हुए भी नजर आए।
ऑड ईवन से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि ग्राहक दुकान के नाम से आता है, दुकान का नंबर देखकर नहीं आता। अब ग्राहक आज मेरी दुकान पर आए, लेकिन कल किसी और दुकान पर आए। ये बड़ा मुश्किल है।
दूसरी ओर, कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया, 1 अप्रैल से 31 मई तक दो महीनों की अवधि के दौरान दिल्ली के व्यापार को लगभग 40 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है, जो निश्चित रूप से दिल्ली के व्यापारियों के लिए एक बड़ा धक्का है।
कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि ऑड-ईवन फॉर्मूला दिल्ली के व्यापारियों द्वारा पहले से ही रद्द किया हुआ फार्मूला है, जिसके कारण दिल्ली में व्यापार सुगम होने के बजाय और अधिक जटिल हो जाएगा।
इसके स्थान पर सीएम केजरीवाल को दिल्ली के विभिन्न तरह के बाजारों के खुलने और बंद होने के अलग-अलग समय निर्धारित करने चाहिए, इससे जहां बाजार खोलने एवं ग्राहकों में उत्पन्न भ्रम की स्थिति दूर होगी, वहीं दिल्ली सरकार को भी होने वाले व्यापार से राजस्व प्राप्त होगा।
दरअसल, दिल्ली सरकार के अनलॉक आदेश के अनुसार जिन दुकानों के संपत्ति नंबर का आखिरी अंक 1 ,3 , 5 , 7 एवं 9 है वो विषम नंबर वाले दिन खुलेंगी, जबकि संपत्ति संख्या होती है जबकि दूसरी ओर जिन दुकानों के सम्पाती नंबर का अंतिम अंक 0 , 2 , 4 , 8 है सम नंबर वाले दिन खुलेंगी।
कैट के अनुसार, इससे पॉलिसी से समस्या यह है की पुरानी दिल्ली में जहां दुकानों का घनत्व अधिक है तथा दुकानें गलियों और दर-गलियों में हैं, वहां ऑड-ईवन को लेकर ज्यादा भ्रम है।
कैट ने उदाहरण देते हुए बताया, पुरानी दिल्ली में गलियों जिन्हें कटरे भी कहा जाता है, में अनेक स्थानों पर एक ही इमारत में 50 से अधिक दुकानें हैं, जबकि उन सबका संपत्ति संख्या एक है, ऐसे मामलों में, ऑड-ईवन को लागू करने के लिए व्यापारी संगठनों ने उस इमारत में प्रत्येक दुकान को निजी सीरियल नंबर आवंटित किए हैं, जो बेहद दुष्कर कार्य है।
–आईएएनएस
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