नई दिल्ली: दिल्ली गेट क़ब्रिस्तान मे अवैध निर्माण पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है युवा संघर्ष समिति के अध्यक्ष अब्दुल आमिर आमीरो याचिकाकर्ता के माध्यम से श्री हेमंत चौधरी, अधिवक्ता बनाम विजय कुमार देव मुख्य सचिव दिल्ली सरकार, दिल्ली वक्फ बोर्ड, एसडीएमसी एवं अन्य की दिल्ली गेट क़ब्रिस्तान की एक जनहित याचिका की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए माननीय जस्टिस दिल्ली उच्च न्यायालय श्री नजमी वज़ीरी ने अपने एक आदेश मे कहा कि सभी उचित अपवादों के अधीन आवेदन का निपटारा किया जाये ।
याचिकाकर्ता अनाधिकृत निर्माण से व्यथित है दिल्ली गेट के अंदर और बाहर क़ब्रिस्तान को जदीद इस्लामिक क़ब्रिस्तान के नाम से भी जाना जाता है, जोकि दिल्ली वक्फ़ बोर्ड द्वारा अनुरक्षित है। कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को याचिकाकर्ता का बार-बार अभ्यावेदन, में विशेष रूप से नगर निगम ने कोई परिणाम नहीं दिया है। कोर्ट ने इस पर नोटिस जारी करते हुए एसडीएमसी के उपायुक्त को एक 30 नवम्बर तक हलफनामा दाखिल करने को कहा है साथ ही याचिका के साथ संलग्न तस्वीरें को पुन: प्रस्तुत करते हुये कहा कि अनाधिकृत निर्माण और अतिक्रमण पहले स्थान पर आने और जिम्मेदारी तय करने की अनुमति दी गई थी।
एसडीएमसी के उपायुक्त को एक हलफनामा दाखिल करने दें यह समझाते हुए की उन्हें अनाधिकृत निर्माण और अतिक्रमण पहले स्थान पर आने और जिम्मेदारी तय करने की अनुमति दी गई थी। अधिकारियों पर, जो अपने कर्तव्यों में अवहेलना पाए जा सकते हैं हलफनामे में यह भी बताया जाएगा कि उपर्युक्त आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया है।
कोर्ट ने कहा कि तस्वीरें सार्वजनिक रास्तों और वक्फ पर अतिक्रमण दिखाती है। यह पता लगाना अनिवार्य होगा कि कैसे अनाधिकृत निर्माण व अतिक्रमण को अनुमति मिली कोर्ट ने कहा कि जहां तक सड़क/सार्वजनिक पहुंच का संबंध है भूमि स्वामित्व एजेंसी द्वारा साफ किया जाना चाहिए।
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