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दिल्ली नहीं चाहती बोर्ड परीक्षा, केंद्र ने 25 मई तक मांगे सभी राज्यों से सुझाव

नई दिल्ली| 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं कैसे और कब करवाई जाए इस विषय पर रविवार को केंद्र व सभी राज्यों के बीच एक बैठक हुई। इसमें दिल्ली सरकार ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का सुझाव दिया, जबकि अधिकांश राज्यों ने हालात सुधरने पर परीक्षाएं करवाने की बात कही है। वहीं महाराष्ट्र का कहना है कि छात्रों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना उनकी प्राथमिकता है। रविवार को हुई इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर शामिल हुए। इनके अलावा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव भी बैठक में शामिल रहे।

राज्यों के परामर्श के बाद सीबीएसई 12वीं के केवल प्रमुख विषयों की परीक्षा के लिए राजी हो सकती है। सीबीएसई 12वीं बोर्ड के लिए कुल 174 विषय की परीक्षा होती है। कोरोना के कारण उत्पन्न हुई मौजूदा स्थिति में सीबीएसई गणित, विज्ञान, हिंदी, इंग्लिश, इतिहास, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, अर्थशास्त्र समेत केवल 20 मुख्य विषयों की परीक्षा ले सकती है।

इसके अलावा 12वीं के छात्रों को अपने ही स्कूलों में परीक्षा देने का विकल्प दिया जा सकता है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वे 25 मई तक 12वीं की सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में अपनी राय मंत्रालय को भेजे। 1 जून को शिक्षा मंत्री और सीबीएसई के अधिकारियों की बैठक होनी है। इस बैठक में 12वीं की बोर्ड परीक्षा पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।

रविवार को हुई बैठक के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि “जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्पना की थी, बैठक अत्यंत उपयोगी हुई। हमें अत्यधिक मूल्यवान सुझाव प्राप्त हुए हैं। मैंने राज्य सरकारों से 25 मई तक अपने विस्तृत सुझाव मुझे भेजने का अनुरोध किया है।”

इस बैठक में दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस संकट के समय बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन करवाना बहुत बड़ी नासमझी होगी। देश में कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी की जा रही है और अभी भी प्रतिदिन लगभग 2.5 लाख कोरोना केस आ रहे है। ऐसे हालात में परीक्षा के लिए न तो बच्चे तैयार हैं न ही उनके पेरेंट्स और न टीचर्स।

बोर्ड परीक्षा का महाराष्ट्र द्वारा कोई सीधा विरोध नहीं किया गया है। हालांकि महाराष्ट्र ने कहा है कि परीक्षाएं सुरक्षित वातावरण में होनी चाहिए। महाराष्ट्र की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ का कहना है कि छात्रों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है। सीबीएसई के साथ हुई बैठक में हमने इसी विषय पर चर्चा की।

वहीं निशंक ने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में एक सूचित, सहयोगात्मक निर्णय पर पहुंचने में सक्षम होंगे। अपने अंतिम निर्णय के बारे में छात्रों और अभिभावकों को जल्द से जल्द सूचित करके उनके मन की अनिश्चितता को दूर करेंगे।

–आईएएनएस

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