एस.पी. चोपड़ा, नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में 6 जनवरी से 14 जनवरी तक विश्व पुस्तक मेला आयोजित किया जा रहा है। मेले का उद्घाटन मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर करेंगे। वर्ष 1972 में प्रथम विश्व पुस्तक मेले का आयोजन किया गया था। उस समय इसमें 200 प्रतिभागी सम्मिलित हुए थे।
इसके बाद तो निरंतर पुस्तक मेले लगने लगे और इसमें सम्मिलित होने वाले प्रतिभागियों की संख्या भी बढ़ती गई। इस वर्ष देश भर से आने वाले प्रकाशकों की संख्या लभगभ 800 रहेगी। मेले में 30 विदेशी प्रकाशक भी भाग लेंगे। इस वर्ष यूरोपियन यूनियन को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है।
नई दिल्ली में प्रेसवार्ता के दौरान पुस्तक मेले की औपचारिक शुरुआत करते हुए एनबीटी के चेयरमैन बलदेव भाई शर्मा का कहना है कि हर वर्ष पुस्तक मेले के प्रचार-प्रसार मे मीडिया का अहम रोल होता है। मीडिया के बिना देश के दूर-दाराज क्षेत्रों में पुस्तक मेले का प्रचार करना असंभव है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ का अतिथि के रूप में आना हमारे लिए बड़े हर्ष की बात है। पूरे विश्व में होने वाले 5 से 6 विश्व पुस्तक मेलों में से एक दिल्ली के पुस्तक मेले की विश्व स्तर पर गणना की जाती है।
इस बार 40 देशों के प्रकाशकों का प्रतिनिधित्व पुस्तक मेले में रहेगा, जिसमें लेखक, साहित्यकार, प्रकाशक और भारत वर्ष के विभिन्न भारतीय भाषाओं के 800 से भी ज्यादा प्रकाशक भाग ले रहे हैं। इस बार विश्व पुस्तक मेले की खास थीम पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित रहेगी। पुस्तक मेले में लोकगीतों का गायन, मालिनी अवस्थी जैसे श्रेष्ठ कलाकारों द्वारा गायन होगा।
विदेशी प्रतिभागियों में बेल्जियम, कनाडा, चीन, डेनमार्क, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, ईरान, इटली, मेक्सिको, नेपाल, पाकिस्तान, पौलेंड, स्लोवेनिया, स्पेन, श्रीलंका, स्वीडन, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम सहित लगभग 40 देश तथा यूनेस्को आदि विश्व एजेंसियां भी भाग लेंगीं। विदेशी प्रतिभागियों का यह प्रदर्शन हाॅल नं. 7-ए, बी, सी में होगा।
और भी हैं
दिल्ली में कम नहीं हो रहा वायु प्रदूषण, 347 दर्ज किया गया औसत एक्यूआई
उपराज्यपाल ने राज निवास में पुनर्गठित एनडीएमसी के नए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों को शपथ दिलाई
अकेला लड़ सकता हूं, लेकिन दिल्ली को बचाने के लिए आपकी मदद चाहिए : केजरीवाल