नई दिल्ली| दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के पूर्वोत्तर क्षेत्र में हुए दंगों से संबंधित एक मामले में राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूक को ट्रायल कोर्ट से मिले जमानत को रद्द करने का आदेश। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने कहा, “इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अभियुक्त धनवान है और समाज में उसकी प्रतिष्ठा और मजबूत जड़ें हैं .. चूंकि वर्तमान प्राथमिकी में जांच लंबित है, इसलिए, प्रतिवादी /आरोपी गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और जांच और परीक्षण में बाधा डाल सकते हैं।”
कोर्ट ने यह भी देखा कि ट्रायल कोर्ट इस बात की समीक्षा करने में विफल रही कि जमानत के लिए आवेदन का फैसला करते समय, समाज के हितों की रक्षा की जानी चाहिए।
दिल्ली पुलिस द्वारा दलील देने की अनुमति देते हुए पीठ ने कहा, “पूरा देश ऐसे अपराधियों के कार्यो से व्यथित है जो राष्ट्र के मूल धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को कलंकित करते हैं और उन्हें कड़ी सजा देने की जरूरत है। हालांकि एक व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता कीमती है, लेकिन अगर लोगों और राष्ट्र के बड़े हित दांव पर हैं, तो उसका मूल्य बहुत कम है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं देख रहा हूं कि ट्रायल कोर्ट ने रिकॉर्ड पर संबंधित सामग्री को नजरअंदाज करते हुए प्रीमैच्योर स्टेज पर प्रतिवादी/आरोपी को जमानत दे दी है। तदनुसार, मैं उसके द्वारा 20 जून, 2020 को दिए गए आदेश को रद्द करता हूं और फलस्वरूप वर्तमान याचिका को अनुमति देता हूं।”
कोर्ट दिल्ली पुलिस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें फारूक को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की गई थी।
यह मामला 24 फरवरी को राजधानी स्कूल के बाहर हुई हिंसा से संबंधित था, जिसमें डीआरपी कॉन्वेंट नामक एक अन्य स्कूल और बगल की मिठाई की दुकान को जला दिया गया था, जिससे दुकान के अंदर फंसे एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पुलिस ने फारूक समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने कहा, “दंगाइयों ने राजधानी स्कूल की छत से अंदर घुसकर गोलियां चलाई थीं। उन्होंने राजधानी स्कूल की छत से खास तौर पर इस उद्देश्य के लिए स्थापित लोहे की एक बड़ी गुलेल का उपयोग करके पेट्रोल बम, एसिड, ईंट, पत्थर और अन्य मिसाइल फेंके थे।”
चार्जशीट में कहा गया है कि फारूक ने राजधानी स्कूल में और उसके आसपास दंगों को तेज करने की साजिश रची थी। उनके निर्देश पर निकटवर्ती और प्रतिद्वंद्वी डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल, अन्य पक्ष द्वारा संचालित दो पार्किं ग स्थल और अनिल स्वीट्स की इमारत को भीड़ द्वारा तबाह कर दिया गया था।
–आईएएनएस
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