नई दिल्ली: सुखद आश्चर्य के साथ देवी दुर्गा नवरात्रि के शुभ अवसर से बहुत पहले ही ना केवल बंगाल बल्कि दिल्ली पहुंच चुकी हैं। हम दिल्ली के युवा कलाकार सौमेन दत्ता की पहली किताब द अनंता के बारे में बात कर रहे हैं। किताब का विमोचन आज बीकानेर हाउस में जाने-माने कला विशेषज्ञ एपीजे सुरेन्द्रा ग्रुप, के चेयरपर्सन, अवकाशप्राप्त, शिरिन पॉल और अनुभवी कला प्रेमी सुनिता कोहली – प्रेजिडेंट, के2इंडिया आर्किटेक्ट और डिजाइनर्स द्वारा किया गया है। द अनंता बंगाल की महानतम परंपरा दुर्गा पूजा को कैमरा लेन्सेज, ब्रशेज, पेन्सिल स्केचेज और साथ ही सौमेन दत्ता के कुछ वर्णनात्मक वाक्यांशों द्वारा तलाश रही है।
बंगालियों की जिंदगी में दुर्गा पूजा का धार्मिक कम जबकि सामाजिक महत्व ज्यादा है। यह प्रक्रिया बहुत कठोर परंपरा या रिवाज के साथ शुरू होती है, जिसमे वेश्यालय से मिट्टी मांगकर लानी होती है। शिल्पकार वेश्यालय की वेश्याओं से मिट्टी एकत्र करेगा और वह मिट्टी देवी दुर्गा और परिवार के अन्य सदस्यों – दो बेटियों लक्ष्मी, सरस्वती और बेटों – गणेश और कार्तिकेय की मुर्तियों के लिए एक आवश्यक और अभिन्न अंग है। इससे अभिप्राय है कि भगवान के लिए समाज में कोई भी अछूत या अस्वीकार्य नहीं है। दूसरा बहुत महत्वपूर्ण पहलू यह है कि, मुर्तियों के बाल, जिन्हे मुसलमान शिल्पकार द्वारा पारंपरिक तरीके से मुख्य तौर पर जूट से बनाया जाता है।
द अनंता किताब में, कलाकार – फोटोग्राफर सौमेन दत्ता ने अपनी त्रुटिहीन पेन्सिल स्केच और पेंटिंग्स के जरिये छोटी से छोटी जानकारी, रिवाजों/ प्रथाओं, देवी के वर्णन को सफलतापूर्वक पेश किया है, जिसमे उनका अद्वितीय प्रभुत्वरहा है। सौमेन ने अपने पाठकों को बंगाल, दुर्गा पूजा की सामाजिक प्रदर्शनी का एक संपूर्ण अनुभव देने के लिए अपनी पेंटिंग्स के 150 से ज्यादा चित्रणों/ उदाहरणों और 1000 से ज्यादा फोटोग्राफ्स की मदद ली है। 11.5 इंच x 8.5 इंच आयाम की, 260 पृष्ठों वाली चित्र सहित कॉफी टेबल बुक द अनंता, की प्रत्येक प्रति की कीमत रूपये 2295/- एमदम उचित है। प्रत्येक किताब और कला प्रेमी के लिए अनंता निश्चित रूप से एक बहुमूल्य धरोहर होगी।
1980 में जन्मे, कलाकार, सौमेन दत्ता दिल्ली में कला क्षेत्र में काफी मशहूर नाम है। इंडियन हेबिटेट सेंटर, ललित कला अकादमी में उनकी एकल और सामुहिक प्रदर्शनियां होती रहती हैं। दिल्ली के प्राचीन स्मारकों में उनकी विशेष दिलचस्पी है, जिनके बारे में उन्होने इंडिया हेबिटेट सेंटर के दिल्ली-ओ-दिल्ली रेस्टोरेंट और दिल्ली के इंदिरा गांधी अंर्तराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लॉन्ज में अच्छे से प्रदर्शित किया गया है।
कई कला प्रेमियों के अलावा सौमेन दत्ता के कार्य को नेशनल हाउसिंग बैंक, संयुक्त राज्य अमेरिका के दूतावास, एनडीटीवी, रैनबैक्सी, एनआईआईटी टेक्नोलोजी लिमिटेड, एमजीएफ, एक्सेंचर ग्रुप, आरपीजी और सोमानी टाइल्स आदि द्वारा सराहा और एकत्रित किया गया है। उन्हे स्कॉटिश सीनियर सेकेंडरी स्कूल – गुरूग्राम, अल्ट्रा इंटरनेशनल लिमिटेड, केरेमल कॉन्वेंट स्कूल माल्चा मार्ग और देश के विभिन्न हिस्सों में बहुत से अन्य निजी घरों और बंगलों के लिए आर्ट पीसेज (कला-शिल्प) बनाने के लिए अधिकृत/ प्रमाणित किया गया है।
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