नई दिल्ली – राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों (एनसीआर) में सोमवार को इस मौसम के पहले स्मॉग का प्रकोप झेलना पड़ा और पूरा इलाका एक तरह के गैस चेंबर में तब्दील हो गया। अभी दिवाली दो दिन दूर है और दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता ‘आपातकालीन’ और ‘गंभीर से भी ज्यादा घातक’ की श्रेणी में पहुंच गई है। ‘आपातकालीन’ और ‘गंभीर से भी ज्यादा घातक’ श्रेणी वाली हवा में स्वस्थ लोगों को भी गंभीर समस्याएं होने लगती हैं और सामान्य गैस मास्क बेअसर हो जाते हैं। यहां तक की मार्निग वॉक या किसी भी समय की वॉक से मना किया जाता है। साल 2016 और 2017 में ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर स्कूलों को कुछ दिनों के लिए बंद करना पड़ा था।
Forced to live in a #GasChamber https://t.co/L8YWVf6JZm
— Ishteyaque Ahmad (@muktigami) November 6, 2018
सोमवार सुबह को रातोंरात मौसम में हुआ बड़ा बदलाव देखने को मिला। हवा की दिशा बदल गई और पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से निकली विषाक्त हवा के असर से प्रदूषण का स्तर उच्च हो गया।
सोमवार को शाम 4 बजे दिल्ली में हवा की गुणवत्ता (एक्यूआई) 426 रही, शाम 7 बजे यह 435 पर आ गई। एक्यूआई स्केल में हवा की गुणवत्ता 0 से 500 के स्तर पर मापी जाती है।
एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) का कहना है कि यह स्थिति दिवाली तक बनी रहेगी। हालांकि, अगर दिवाली पर पटाखों से होनेवाला प्रदूषण नहीं हुआ, तो इसमें थोड़ा सुधार हो सकता है। लेकिन, इसके आसार बेहद कम ही नजर आ रहे हैं।
सफर का कहना है, “पिछले साल की दिवाली की तुलना में अगर आधे पटाखे भी चलाए गए तो हवा की स्थिति अत्यधिक खराब हो जाएगी और हालात 8-9 नवंबर तक बदतर बने रहेंगे।”
अगर हवा की ऐसी स्थिति लगातार 48 घंटे तक रहती है तो पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के निर्देश लागू हो सकते हैं। ऐसे में दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लग जाएगा, साथ ही पार्किं ग शुल्क में वृद्धि, वाहनों की ऑड-इवन योजना जैसे कदम भी लागू होंगे।
@CPCB_OFFICIAL @moefcc Quality Index touching '859 severe' in my area Shakarpur East Delhi. Pics taken at 10:30 AM today.
It's literally like inhaling smoke,Please help!#Delhi #AirPollution #GasChamber #Smog pic.twitter.com/6CXn3i3os8— Atul Kumar (@Atul_Kumaar) November 5, 2018
राष्ट्रीय मानदंडों के मुताबिक हवा में पीएम2.5 और पीएम10 स्तर क्रमश: 60 और 100 से कम होना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह मानक तो क्रमश: 25 और 50 यूनिट ही है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की शांभवी शुक्ला ने आईएएनएस को बताया, “इस बार ईपीसीए ने पहले ही निर्देश जारी कर दिए हैं। इसलिए ऐसी स्थिति अगर दिवाली के अगले दिन तक रहती है, तो कई प्रतिबंध लागू हो सकते हैं।”
Flying in to the #gaschamber #DelhiSmog #gasp #choke #wheeze pic.twitter.com/FnYp7S8cIZ
— Abi T Vanak (@abi_vanak) November 5, 2016
मौसम का पूर्वानुमान बताने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के निदेशक महेश पलावत ने कहा, “रविवार की शाम तक दिल्ली में पूरवैया हवा चल रही थी, जिससे हवा की गुणवत्ता सुधर रही थी। लेकिन, उसके बाद से एकाएक हवा का रुख बदल कर उत्तरी-पश्चिमी हो गया, जिससे पंजाब और हरियाणा के स्मॉग दिल्ली में आ गए, जो पराली के जलाने से पैदा होते हैं।”
–आईएएनएस
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