नई दिल्ली| भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत के उस फैसले की सराहना की, जिसमें कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों की आवाज बंद करने के लिए देशद्रोह के कानून का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। आईएएनएस से बात करते हुए टिकैत ने कहा कि देशद्रोह के कानून पर अदालत का फैसला बिल्कुल सही है।
गौरतलब है कि किसान विरोध को लेकर फेसबुक पर फर्जी वीडियो पोस्ट करने के आरोपी एक शख्स को जमानत देते हुए मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने पाया कि देशद्रोह के कानून को “उपद्रवियों को नकेल कसने के नाम पर असंतोष को शांत नहीं” किया जा सकता।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि अगर अव्यवस्था पैदा करने, सार्वजनिक शांति भंग करने या हिंसा फैलाने के लिए उकसावे का सहारा नहीं लिया गया है तो देशद्रोह का कानून लागू नहीं किया जा सकता है।
टिकैत ने कहा कि किसानों की आवाज को दबाने के लिए बंदूकें इस्तेमाल की जा रही हैं। किसानों का आंदोलन एक वैचारिक आंदोलन है।
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन एक यथोचित कारण से उत्पन्न हुआ है और इसे बंदूकों के भय से नहीं डिगाया जा सकता है। यह लड़ाई किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई है। उन्होंने आगे कहा कि जो भी किसानों के पक्ष में लिख रहा है, उसे गिरफ्तार किया जा रहा है।
–आईएएनएस
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