देहरादून: गणितज्ञ व सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार का मानना है कि नौकरशाह समाज में वास्तविक बदलाव ला सकते हैं क्योंकि उनके पास जमीनी स्तर पर काम करने और सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों को लागू करने का मौका होता है।
मसूरी में शुक्रवार को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के आईएएस प्रशिक्षुओं के बैच को संबोधित करते हुए उन्होंने नौकरशाहों से अपने नजरिए को वास्तविकता में बदलने के लिए कहा।
आनंद ने कहा कि कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज में स्थायी बदलाव लाना और लक्षित समूहों तक लाभ पहुंचाना होना चाहिए।
आनंद ने कहा, “राजनीतिक नेतृत्व से ज्यादा सक्षम नौकरशाह ऐसा कर सकते हैं क्योंकि वे ऐसे शख्स हैं जो कार्यक्रमों और नीतियों को जमीनी स्तर पर आकार देते हैं और उसके कार्यान्वयन को सुनिश्चित करते हैं।”
उन्होंेने कहा कि गरीबों के लिए कई कार्यक्रम व योजनाएं हैं, लेकिन असल मुद्दा इनके प्रभावी होने और समय पर लागू होने का है, जिसे सिर्फ नौकरशाह सुनिश्चित कर सकते हैं।
अकादमी के निमंत्रण पर ‘शिक्षा में निष्पक्षता’ विषय पर अपने संबोधन में आनंद ने कहा कि शिक्षा में समानता दुनिया में बदलाव ला सकती है।
आनंद द्वारा शुरू की गई सुपर-30 पहल के तहत वंचित वर्ग के छात्रों को कोचिंग दी जाती है, ताकि वे आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफल हो सकें।
–आईएएनएस
और भी हैं
रॉन्ग साइड चलने वाले वाहनों के खिलाफ विशेष कार्रवाई की जाएगी : लक्ष्मी सिंह
जस्टिस संजीव खन्ना बने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश
मुस्लिम महिलाओं और शिया धर्मगुरु ने वक्फ बिल का किया समर्थन