चंडीगढ़| पंजाब सरकार ने बुधवार को राज्य की जेलों में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जेल अधिनियम, 1894 में संशोधन करने का फैसला किया है। पंजाब सरकार ने कैदियों द्वारा आपराधिक कृत्यों पर अंकुश लगाने का फैसला किया है, जिसमें हिंसा, जेल से भागने और जेल अनुशासन एवं नियमों के अन्य उल्लंघनों जैसे बड़े अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
एक मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में आवश्यक बदलाव लाने वाला विधेयक पेश किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने जेल विभाग द्वारा सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और कैदियों द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग को रोकने, जेलों के अंदर हिंसा, जेल कर्मचारियों पर हमले की घटनाओं तथा नुकसान को रोकने के लिए नए दंड प्रावधानों को जोड़ने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसमें जेल की संपत्ति को नुकसान, फरार होने की घटनाएं और जेलों के अंदर ड्रग्स आदि पर लगाम कसने को लेकर भी प्रावधान होंगे।
धारा 52-ए (1) में तीन साल से कम कारावास के प्रावधान में संशोधन करने की बात कही गई है, जिसे अब सात साल तक जुर्माना के साथ बढ़ाने पर विचार किया गया है। जेल में अनुशासन को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं।
कारावास की अवधि बढ़ाने के साथ ही जुर्माना न भरने की स्थिति में कारावास को एक वर्ष और बढ़ाया जा सकता है।
मौजूदा नियमों के तहत अधिकतम एक साल की कैद या 25 हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है।
–आईएएनएस
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