चंडीगढ़| पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को ऐलान किया कि पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह पंजाब स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में महान धावक मिल्खा सिंह के नाम से एक चेयर अलग से बनाई जाएगी। कोरोनावायरस संक्रमण से एक महीने ते जूझने के बाद शुक्रवार रात को इस दिग्गज एथलीट का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। चंडीगढ़ में फ्लाइंग सिख के आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि मिल्खा सिंह की स्मृति युवा पीढ़ी को प्रेरित करती रहे।
इससे पहले पूर्व ओलंपियन मिल्खा सिंह के लिए राजकीय अंतिम संस्कार और राजकीय अवकाश की घोषणा कर चुके अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस महान भारतीय धावक की विरासत लोगों के दिलों में जीवित रहेगी।
उन्होंने आगे कहा कि मिल्खा सिंह का निधन पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है और सभी के लिए यह एक दुखद क्षण है।
सन् 1960 में लाहौर में मिल्खा सिंह द्वारा पाकिस्तान के चैंपियन स्प्रिंटर अब्दुल खालिक को हराने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू द्वारा राष्ट्रीय अवकाश घोषित किए जाने की बात को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि काश वह भी आज राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर पाते। लेकिन पंजाब राज्य में अवकाश के साथ इस किंवदंती का शोक मनाएगा। इस दौरान झंडे आधे झुके रहेंगे।
लाहौर में 1960 की जीत मिल्खा सिंह के लिए एक यादगार लम्हा था, जिन्होंने विभाजन के समय पाकिस्तान में अपने परिवारजनों को खो दिया था।
यहां सेक्टर 8 में स्थित एथलीट के घर के बाहर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा, उस जीत के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल अयूब खान ने मिल्खा सिंह का उपनाम फ्लाइंग सिख रखा था।
–आईएएनएस
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