✅ Janmat Samachar.com© provides latest news from India and the world. Get latest headlines from Viral,Entertainment, Khaas khabar, Fact Check, Entertainment.

पर्यावरण म‍ित्र होने के साथ ही औषधीय गुणों का खजाना है बांज का पेड़

नई दिल्ली, 15 सितंबर। पेड़ मानव जीवन के लिए उपयोगी हैं। ये हवा को शुद्ध कर और फल फूल प्रदान कर मानव जाति को लाभ पहुंचाते हैं। ऐसा ही एक पेड़ है बांज (ओक) का। इसे उत्तराखंड का हरा सोना कहा जाता है। हालांकि, यह देश के दूसरे इलाकों मेें कम पाया जाता है। बांज पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को व्यवस्थित रखने में अहम भूमिका निभाता है। पर्यावरण को शुद्ध रखने में इसकी अहम भूम‍िका है। पर्यावरण के लिए उपयोगी होने के साथ ही इस पेड़ में औषधीय गुण भी होता है। यह स्वास्थ्य की दृष्‍ट‍ि से भी महत्‍वपूर्ण है। इसकी जड़ें इतनी गहरी और फैली हैं क‍ि यह मिट्टी के कटाव को भी रोकता है। मृदा संरक्षण में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह जल संरक्षण में भी बहुत कारगर है। इस पेड़ के आसपास के इलाकों में जलस्तर बढ़ता है और सूखे की समस्या से राहत मिलती है।

इसके कई औषधीय गुण अनोखे हैं। औषधि के रूप में यह रामबाण है। इस पेड़ की छाल को औषधि के रूप में इस्तेमाल करने से ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत मिलती है। बांज के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत मिलती है। बांज के छाल का काढ़ा पाचन तंत्र को मजबूत करता है और अपच की समस्या को दूर करता है। इसके साथ ही इसके पत्तों का काढ़ा डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं। सामाजिक सरोकारों में भी यह पेड़ अहम भूमिका निभाता है। बांज की खेती करके आप लाखों रुपये कमा सकते हैं। बांज की खेती और इसके लकड़ी के व्यापार से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। कई संस्कृतियों में बांज के पेड़ों को पवित्र माना जाता है और धार्मिक अनुष्ठानों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। बांज की लकड़ी से कागज बनाया जाता है। बांज के पत्तों पर पाए जाने वाले रेशम के कीड़ों से रेशम भी बनाया जाता है। पर्यावरण, जल व मृदा संरक्षण और सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए हमें बांज के पेड़ की खेती अवश्य करनी चाहिए। हमें इसके पेड़ों की रक्षा और संरक्षण करना चाहिए, ताकि हम इससे लाभ प्राप्त कर सकें। –

-आईएएनएस

About Author