नई दिल्ली| बॉलीवुड अभिनेता और टीवी प्रस्तोता अन्नू कपूर जानी-मानी हस्तियों में से एक हैं। उन्हें बड़े पर्दे से लेकर छोटे पर्दे पर भी खूब पहचान मिली है। फिल्मों में वह 80 के दशक में सक्रिय थे। रियलिटी शो ‘अंताक्षरी’ के मेजबान वाली उनकी छवि लोग के दिल में आज भी बसी है।
वह ‘द शौकिन्स’, ‘विकी डोनर’, ‘7 खून माफ’, ‘धर्म संकट में’, ‘ऐतराज’, ‘जॉली एलएलबी 2’, ‘मिस टनकपुर हाजिर हो’, ‘डर’, ‘ऐलान-ए-जंग’, ‘तेजाब’, ‘हम’, ‘मिस्टर इंडिया’ जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं।
अन्नू कपूर का जन्म 20 फरवरी, 1956 को मध्यप्रदेश के इतवारा में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। उनके पिता थे मदनलाल कपूर और मां थीं कमला बंगाली। अन्नू के पिता एक पारसी थिएटर कंपनी चलाते थे, जो शहर-शहर जा-जाकर गली नुक्कड़ में प्रस्तुति देती थी। उनकी मां कवयित्री और शास्त्रीय नृत्य में पारंगत थीं। उनके दादाजी डॉ. कृपाराम कपूर बिटिश आर्मी में डॉक्टर के पद पर कार्यरत थे। उनकी दादी गंगा कपूर स्वतंत्रता सेनानी थीं।
अन्नू कपूर को अभिनय का शौक बपचन से ही रहा है। लेकिन पिता के समझाने पर वह उनकी कंपनी में शामिल हुए। काम में मन नहीं लगा, और कुछ दिनों बाद उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला ले लिया। महज 22-23 साल की उम्र में उन्होंने जब 70 साल के वृद्ध की भूमिका निभाकर दिखा दिया, तो इसके बाद उनकी किस्मत का ताला खुल गया।
उनका अभिनय मशहूर फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल ने देखा तो काफी प्रभावित हुए। उन्होंने मिलने के लिए अन्नू को बुलावा भेजा।
अन्नू कपूर ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1979 में बतौर स्टेज आर्टिस्ट के रूप में की। उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत 1983 की फिल्म ‘मंडी’ से की थी। वह अपने 30 साल के अभिनय करियर में कई हिंदी फिल्मों और टेलीविजन धारावाहिकों में काम कर चुके हैं।
अन्नू कपूर का असली नाम अनिल कपूर है और उनका नाम बदलने के पीछे की कहानी भी हमनाम अभिनेता अनिल कपूर से ही जुड़ी है।
अन्नू ने बताया कि 80 के दशक में जब वह फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत कर रहे थे, उस समय ‘मिस्टर इंडिया’ वाले अनिल कपूर बॉलीवुड में एक उभरते स्टार थे और अन्नू को फिल्म ‘मशाल’ में उनके साथ काम करने का मौका मिल गया। इस फिल्म में उन्हें सिर्फ चार लाइनें बोलनी थीं और इसके लिए चार हजार रुपये मेहनताना दिया जाना था, लेकिन मिल गया दस हजार रुपये का चेक और हीरो अनिल कपूर को मिला चार हजार रुपये का चेक।
अनिल कपूर ने जब अपने बड़े भाई बोनी कपूर को यह बात बताई तो वह यशराज प्रोडक्शन के अकाउंटेंट के पास शिकायत करने पहुंच गए कि उनके भाई को चार हजार रुपये ही दिए गए, जबकि दस हजार रुपये दिए जाने की बात हुई थी।
अकाउंटेंट को याद था कि उसने अनिल कपूर के नाम से दस हजार रुपये का चेक काटा था। फाइल देखी तो पता चला कि अन्नू कपूर का चेक अनिल कपूर को दे दिया गया था। अन्नू कपूर का असली नाम अनिल कपूर था, इसलिए उनका खाता इसी नाम से था। उनके आग्रह पर उनका चेक अनिल कपूर के नाम से बना था। कंफ्यूजन में अनिल कपूर का चेक अन्नू को दे दिया गया था।
इस वाकये के बाद शबाना आजमी समेत कई सितारों ने अन्नू कपूर को सुझाव दिया कि उन्हें अपना नाम बदल लेना चाहिए, क्योंकि एक ही पेशे में दो ‘अनिल कपूर’ नहीं हो सकते।
अन्नू के मुताबिक, चूंकि उत्तर भारत में अनुराग, अनवर या अनुपम जैसे नाम वालों को लोग प्यार से ‘अन्नू’ कहते थे। इसलिए उन्होंने अपना नाम अनिल कपूर से अन्नू कपूर रख लिया।
उन्हें हिंदी फिल्म ‘विक्की डोनर’ में डॉ. चड्ढा की बेहतरीन भूमिका के लिए फिल्मफेयर और नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
उन्होंने हिंदी फिल्मों के कई टेलीविजन शो में बतौर प्रस्तोता काम किया है। इन दिनों वह 92.7 पर शो ‘सुहाना सफर विद अन्नू सिंह’ की मेजबानी कर रहे हैं। यह रोजाना प्रसारित होने वाला डेली शो है। इसकी टैगलाइन ‘फिल्मी दुनिया की कही अनकही कहानियां’ है। इन दिनों वह कई विज्ञापनों में भी देखे जा रहे हैं। जन्मदिन के खास मौके पर उन्हें ढेर सारी बधाइयां!
–आईएएनएस
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