नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद में सरकार की रणनीति पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक की। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, नितिन गडकरी, किरेन रिजिजू और प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले हुई बैठक में भाग लिया।
पता चला है कि प्रधानमंत्री ने राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन और संसद के दोनों सदनों में अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों द्वारा जारी विरोध प्रदर्शन पर चर्चा की। विपक्ष भी कुछ राज्यों में मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के विस्तारित अधिकार क्षेत्र पर अपनी आवाज उठाना जारी रखे हुए है।
विपक्षी दल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की भी मांग कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री ने अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ उन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की, जिन पर विपक्षी सदस्यों द्वारा लगातार व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है।
मंगलवार को दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने उच्च सदन के 12 सदस्यों के निलंबन को लेकर वाकआउट किया। विपक्ष अपने रुख से हिलने के मूड में नहीं है और बुधवार को भी दोनों पक्षों का आमना-सामना जारी रहा। 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की।
निलंबन के खिलाफ विपक्षी दलों ने संसद परिसर के अंदर गांधी प्रतिमा के सामने धरना भी दिया।
11 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान सदन में हंगामा करने पर राज्यसभा ने सोमवार को संसद के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए 12 सांसदों को निलंबित कर दिया था। निलंबित सांसद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा और शिवसेना से हैं।
मंगलवार को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने निलंबन को रद्द करने पर विचार करने की अपील को खारिज कर दिया था। नायडू ने कहा था, “मैं विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की 12 सांसदों का निलंबन रद्द करने की अपील पर विचार नहीं कर रहा हूं, क्योंकि किसी भी निलंबित सांसद ने माफी नहीं मांगी है और वे अपने कृत्यों को सही ठहरा रहे हैं।”
–आईएएनएस
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