नई दिल्ली, 14 अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह 10 बजे नई दिल्ली के भारत मंडपम में वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली (डब्ल्यूटीएसए) 2024 का उद्घाटन करेंगे जिसका आयोजन अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ द्वारा किया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी कार्यक्रम के दौरान इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 के आठवें संस्करण का भी उद्घाटन करेंगे। वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली (डब्ल्यूटीएसए) अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के मानकीकरण कार्य के लिए शासी सम्मेलन है, जो संयुक्त राष्ट्र की डिजिटल प्रौद्योगिकी एजेंसी है। यह सम्मेलन हर चार साल में आयोजित किया जाता है। पहली बार इसका आयोजन भारत और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में किया जाएगा। यह एक महत्वपूर्ण वैश्विक आयोजन है। इसमें 190 से ज्यादा देशों के तीन हजार से अधिक उद्यमी, नीति-निर्माता और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो दूरसंचार, डिजिटल और आईसीटी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे। डब्ल्यूटीएसए 2024 एक ऐसा मंच प्रदान करेगा जहां देश को अगली पीढ़ी की महत्वपूर्ण तकनीकों जैसे 6जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), आईओटी, बिग डेटा, साइबर सुरक्षा आदि के मानकों के भविष्य पर चर्चा की जाएगी।
भारत में इस कार्यक्रम की मेजबानी करने से देश को वैश्विक दूरसंचार एजेंडे को आकार देने और भविष्य की प्रौद्योगिकियों की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा। भारतीय स्टार्टअप और अनुसंधान संस्थान बौद्धिक संपदा अधिकार और मानक आवश्यक पेटेंट विकसित करने में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 में भारत के इनोवेशन इकोसिस्टम का प्रदर्शन होगा, जिसमें प्रमुख दूरसंचार कंपनियां और नवप्रवर्तनकर्ता क्वांटम तकनीक, सर्कुलर इकोनॉमी, 6जी, 5जी, क्लाउड और एज कंप्यूटिंग, आईओटी, सेमीकंडक्टर, साइबर सुरक्षा, ग्रीन टेक, सैटकॉम और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में नवाचार और प्रगति का प्रदर्शन करेंगे। इंडिया मोबाइल कांग्रेस, एशिया का सबसे बड़ा डिजिटल तकनीकी मंच, दुनिया भर में उद्योग, सरकार, अकादमिक, स्टार्टअप और अन्य प्रमुख हितधारकों के लिए नवीनतम समाधान, सेवाएं और आधुनिक उपयोग के मामलों को प्रदर्शित करने का एक जाना-माना प्लेटफॉर्म बन गया है।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 में 400 से अधिक प्रदर्शकों, लगभग 900 स्टार्टअप और 120 से ज्यादा देशों की भागीदारी होगी। इस आयोजन का उद्देश्य 900 से अधिक तकनीकी उपयोग परिदृश्यों का प्रदर्शन करना, 100 से अधिक सत्र और चर्चाएं आयोजित करना है, जिसमें 600 से अधिक वैश्विक और भारतीय वक्ता शामिल होंगे।
–आईएएनएस
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