नई दिल्ली| स्कूलों में स्वास्थ्य का बहुत महत्व है, क्योंकि स्कूल केवल औपचारिक शिक्षा प्रदान करने वाले केंद्र ही नहीं हैं, बल्कि एक बच्चे के समग्र विकास को भी प्रभावित करते हैं। बड़े होने के दौरान अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए स्वस्थ जीवनशैली की आदत बच्चों को बचपन में ही डाल देनी चाहिए। यह परामर्श पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल का है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. अग्रवाल ने बताया, “स्कूल में स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम चलाकर तंबाकू के सेवन, खराब पोषण, शारीरिक गतिविधि की कमी, दवा और शराब के सेवन जैसी गलत आदतों को हतोत्साहित किया जा सकता है।”
स्वस्थ जीवनशैली के लिए आईएमए सदस्यों को एक अभियान के तहत स्कूलों में प्रार्थना सत्र के दौरान अपने पुराने स्कूल या किसी भी पास के स्कूल में जाने को कहा गया है। वहां वे छात्रों और शिक्षकों के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य के महत्व संबंधी मुद्दों पर बात करेंगे और उन्हें संवेदनशील बनाएंगे। यह स्वास्थ्य चर्चा 10 से 15 मिनट की हो सकती है।
स्कूली बच्चों के लिए कुछ सुझाव :
* प्रकृति के नियमों का सम्मान करें और मौसमी व स्थानीय रूप से उगाए गए फल और सब्जियां खाएं।
* प्रत्येक दिन यह सुनिश्चित करें कि आप उन सभी खाद्य पदार्थों का उपभोग करें जो सभी सात रंगों और छह स्वादों को बढ़ाते हैं।
* प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट फूड से बचें, जैसे कि सफेद चीनी, सफेद मैदा और सफेद चावल।
* नमक की खपत में 40 प्रतिशत की कमी लाएं।
* जब भी आपको कहीं मौका मिलता है तो पैदल चलें या टहलें।
* किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन करना उचित नहीं है। यह केवल नुकसान का कारण बनती है।
* हर दिन निश्चित समय पर ही उठें।
* नियमित आधार पर योग और ध्यान का अभ्यास करना मत भूलें।
* अपने दोपहर के भोजन को न चूकेंऔर दिन में एक बार कसरत भी करें। इससे आपको सूर्य की रोशनी में रहने का मौका मिलता है और आपके शरीर में इससे चुस्ती-फुर्ती बनी रहती है।
–आईएएनएस
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