वाराणसी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर ने सोमवार को यहां कहा कि इंदिरा जी जेएनयू में विरोधी प्रदर्शन में मुड़कर पहुंचने की हिम्मत रखती थीं, जबकि आज के प्रधानमंत्री गलियों से रास्ता बदल कर निकल गए, लेकिन बीएचयू में प्रदर्शन कर रहीं काशी की बेटियों के बीच पहुंचने की हिम्मत नहीं दिखाई।
परिणाम आपके सामने है कि बेटी बचाओ का नारा बेटी पिटवाओ में बदल गया। राज बब्बर सोमवार को रामनाथ शोध संस्थान में आयोजित दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इंदिरा जी की विरासत छद्म राष्ट्रवाद के विपरीत उत्कट देशभक्ति की विरासत है।
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि शिक्षा संस्थान में महिलाओं का पिटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इंदिरा जी की विरासत का संदेश यह है कि नारी का सशक्तीकरण शिक्षा से होगा, रसोई से नहीं।
सांसद पीएल पुनिया ने कहा, “इंदिरा का जीवन किसान, मजदूर, गरीब और दलितों के उत्थान की लड़ाई के लिए था। आज दलितों के पास कहीं कुछ भूमि है तो उसके पीछे इंदिरा जी और उनका भूसुधार है।”
सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि वर्तमान विदेश मंत्री के संयुक्त राष्ट्र के ताजा भाषण ने कांग्रेस और इंदिरा जी के काल के राष्ट्रनिर्माण के महान कामों पर मुहर लगा दी है। लगता है साठ साल को झूठा ही कोसते रहने वाले प्रधानमंत्री से उनका मनभेद शुरू हो गया है।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि सतहत्तर के दौर में इंदिरा जी की बेमिसाल संघर्षशक्ति को जगा लीजिए, कांग्रेस की जीत पक्की हो जाएगी।
–आईएएनएस
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