नई दिल्ली| भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने रविवार को आरोप लगाया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति (वीसी) तारिक मंसूर ने राष्ट्रीय ध्वज लेने के लिए उनसे मिलने से इनकार कर दिया। सिद्दीकी ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ में भाग लेने की अपील के साथ कश्मीरी महिलाओं द्वारा बनाया गया तिरंगा पेश करने के लिए मंसूर से मिलने का समय मांगा था।
उन्होंने कहा, “..लेकिन मंसूर ने तिरंगा स्वीकार करने के लिए मुझसे मिलने से इनकार कर दिया। राष्ट्रीय ध्वज के प्रति नफरत के जरिए उन्होंने न केवल मुसलमानों का अपमान किया, बल्कि पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के लिए अपना प्यार और समर्थन भी दिखाया।”
सिद्दीकी एएमयू वीसी पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा को तिरंगा पेश करना चाहते थे, अल्पसंख्यक धार्मिक स्थलों और संस्थानों को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत अपने परिसर में तिरंगा फहराने का अनुरोध करने की योजना है।
“मैंने 6 अगस्त को एएमयू वीसी को पत्र लिखकर उन्हें तिरंगा भेंट करने के लिए आज (14 अगस्त) का समय मांगा था। जब मैं उनसे मिलने पहुंचा, तो सुरक्षाकर्मियों ने मुझे रोका और कहा कि उन्होंने मुझे अपॉइंटमेंट नहीं दिया है। यह शर्मनाक है कि हमारे देश के करदाताओं के पैसे से वेतन और अन्य सुविधाएं प्राप्त करने वाले वीसी ने तिरंगा लेने और देश की आजादी के 75 साल के जश्न में शामिल होने से इनकार कर दिया है।”
राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार करने से इनकार करने को शर्मनाक बताते हुए सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि यह कार्य जिन्ना के लिए वीसी के समर्थन और राष्ट्रीय ध्वज और देश के प्रति अनादर को दर्शाता है।
12 अगस्त को सिद्दीकी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के दारुल उलूम देवबंद के मौलाना सलमान बिजनौरी और मौलाना मुनीर नाजिम को तिरंगा भेंट किया।
उन्होंने कहा, “भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ता समुदाय और धर्मगुरुओं से मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च और अन्य संस्थानों में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का हिस्सा बनने के लिए तिरंगा फहराने का अनुरोध कर रहे हैं।”
–आईएएनएस
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