नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और दक्षिण कोरिया के बीच द्विपक्षीय कारोबार बढ़कर 2017 में 20 अरब डॉलर तक पहुंच गया। ऐसा बीते छह वर्षो में पहली बार हुआ है।
मोदी ने यह भी कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है कि आखिर कैसे गुजरात के आकार का देश दक्षिण कोरिया इतनी आर्थिक प्रगति कर सकता है।
मोदी ने भारत, कोरिया बिजनेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “यह जानकर खुशी हो रही है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार बीते छह वर्षो में पहली बार 20 अरब डॉलर को पार कर गया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि वह कोरियाई लोगों के उद्यमशीलता की भावना की प्रशंसा करते हैं।
मोदी ने कहा, “मैं सराहना करता हूं कि किस तरह से उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी से इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और इस्पात तक में अपने वैश्विक ब्रांडों का सृजन और उन्हें स्थापित किया है। कोरिया विश्व को बेहतरीन उत्पाद उपलब्ध करा रहा है।”
मोदी ने यह भी कहा कि दक्षिण कोरियाई कंपनियों को उनके नवाचार के लिए और सशक्त उत्पादन क्षमता के लिए सराहा जाता है।
मोदी ने यह भी कहा कि भारत के पास अर्थव्यवस्था के सभी तीन कारक हैं।
उन्होंने कहा, “यदि आप विश्वभर में देखें तो ऐसे कुछ ही देश हैं, जहां आपको अर्थव्यवस्था के ये तीनों कारक एक साथ मिलेंगे। ये तीन कारक हैं- लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और मांग। भारत में ये तीनों एक साथ मौजूद हैं।”
मोदी ने कहा कि भारत और दक्षिण कोरिया के बीच संबंध शताब्दियों पुराने हैं।
उन्होंने कहा, “हम हमारी बौद्ध परंपराओं से जुड़े हैं। नोबल पुरस्कार विजेता रबिंद्रनाथ टैगोर ने 1929 में कोरिया के शानदार इतिहास और सुनहरे भविष्य के लिए एक कविता ‘लैम्प ऑफ द ईस्ट’ लिखी थी।
मोदी ने कहा, “यह संयोग है कि भारत और कोरिया दोनों का ही स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त है। कविताओं से लेकर बुद्ध और बॉलीवुड तक भारत और कोरिया में बहुत समानताएं हैं।”
–आईएएनएस
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