नई दिल्ली| भारत में सभी उत्परिवर्ती (म्यूटेंट) कोविड-19 वेरिएंट में, डबल उत्परिवर्तित वायरस बी.1.617 सबसे अधिक प्रचलित हो रहा है। वैश्विक डेटाबेस में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तुत जीनोम अनुक्रमण डेटा में यह बात सामने आई है।
डेटाबेस से पता चला है कि डबल म्यूटेशन वायरस, जो कई देशों में पाया गया है, वह 2 अप्रैल से पहले 60 दिनों के दौरान 24 प्रतिशत नमूनों में सबसे आम पाया गया है।
इ.1.617 वैरिएंट पहली बार महाराष्ट्र में सामने आया था और इसमें दो अलग-अलग वायरस वेरिएंट – ई484क्यू और एल452आर के म्यूटेशन हैं।
स्क्रिप्स रिसर्च के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए आकलन के अनुसार, 13 प्रतिशत नमूनों के साथ ब्रिटेन वेरिएंट इ.1.1.7 दूसरा सबसे प्रचलित वेरिएंट है।
15 अप्रैल को प्रयोगशालाओं में संसाधित 13,614 व्होल जीनोम अनुक्रमण (डब्यूजीएस) नमूनों में से 1,189 नमूने भारत में सार्स सीओवी-2 से संबंधित पाए गए।
हालांकि हाल ही में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहात है कि डबल म्यूटेंट वैरिएंट उम्मीद से कम खतरनाक हो सकता है, क्योंकि सबसे कमजोर रोगियों में केवल हल्के प्रभाव ही देखने को मिले हैं।
विशेषज्ञों ने जोर देते हुए कहा है कि वर्तमान साक्ष्य के अनुसार, कुछ राज्यों में नए वेरिएंट देखे गए हैं। लेकिन, इसके महामारी विज्ञान के बारे में विवरण अभी तक ज्ञात नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में शनिवार को पिछले 24 घंटों के दौरान 2,34,692 ताजा कोविड मामले दर्ज किए हैं, जो अब तक की एक ही दिन में सामने आए कोरोना मामलों की सबसे बड़ी संख्या है।
यह लगातार तीसरा दिन है, जब देश में 2 लाख से अधिक कोविड मामले दर्ज किए हैं।
भारत ने गुरुवार और शुक्रवार को क्रमश: 2,00,739 और 2,17,353 मामले दर्ज किए गए थे।
इस बीच, पिछले 24 घंटों में कोविड के कारण 1,341 लोगों की मौत हो गई, जिससे देश में अब तक संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 1,75,649 तक पहुंच चुकी है।
शुक्रवार को दैनिक सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 16,79,740 हो गई।
–आईएएनएस
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