मुंबई| बॉलीवुड के जाने-माने फिल्मकार विशाल भारद्वाज का मानना है कि भारत में कानून का सम्मान नहीं किया जाता और न ही देश में इन कानूनों को मानने के लिए बाध्य करने वाली कोई प्रक्रिया है।
भारद्वाज ने समाचार टेलीविजन चैनल ‘सीएनएन-न्यूज-18’ के साथ एक साक्षात्कार में भारद्वाज ने कहा, “देश में कानून का कोई सम्मान नहीं है और न ही इस कानून के पालन को बाध्य करने वाली कोई प्रक्रिया। आप कुछ भी कर सकते हैं। जब तक कानून का कोई डर नहीं, तब तक कोई बदलाव नहीं हो सकता।”
भारद्वाज ने आईएएनएस को साथ एक साक्षात्कार में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा फिल्मों की रिलीज के लिए दिए गए फैसले पर भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार भारद्वाज ने सेंसर बोर्ड को ‘तालिबान’ करार दिया और कहा कि इस बोर्ड को खत्म कर दिया जाना चाहिए।
भारद्वाज ने अब यह कहा है कि फिल्म निमार्ताओं को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से संरक्षित करने की जरूरत है।
फिल्मकार ने कहा कि अगर किसी फिल्म को सीबीएफसी से प्रमाणित किया जाता है, तो फिर कोई अन्य उस पर उंगली कैसे उठा देता है?
उन्होंने कहा, “मेरी फिल्म को एक बार सेंसर बोर्ड ने रिलीज का प्रमाण दे दिया था और बोर्ड के ही एक सदस्य ने मुझे कहा था कि आपकी फिल्मों के साथ केवल यह परेशानी है कि ये सच्ची भी लगती है और डरावनी भी। हम आईना नहीं देखना चाहते।”
वर्तमान में भारद्वाज अपनी आगामी फिल्म ‘रंगून’ की रिलीज का इंतजार कर रहे हैं। शुक्रवार को रिलीज होने जा रही इस फिल्म में कंगना रनौत, शाहिद कपूर और सैफ अली खान मुख्य भूमिकाओं में हैं।
–आईएएनएस
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