नई दिल्ली | केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि भारत में अगले पांच वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र बनने की क्षमता है। उनके अनुसार, केंद्र इस क्षेत्र में सर्वोत्तम संभव रियायतों को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है और इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत तक कम कर दिया है।
‘इंडियाज इलेक्ट्रिक व्हीकल रोडमैप पोस्ट-कोविड -19’ पर वेबिनार को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि उन्हें इस क्षेत्र के मुद्दों के बारे में पता है, लेकिन कारोबारी माहौल में सुधार भी सुनिश्चित लग रहा है क्योंकि बिक्री में वृद्धि की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि चीन के साथ व्यापार करने में अब दुनिया की कोई दिलचस्पी नहीं है, जो भारतीय उद्योग के लिए व्यवसाय में बदलाव का एक बहुत अच्छा अवसर है।
इसके अलावा, उन्होंने आगामी वाहन परिमार्जन नीति (स्क्रैप पॉलिसी) का संकेत भी दिया। उनके अनुसार इससे ऑटो विनिर्माण क्षेत्र को गति मिलेगी।
मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र दिल्ली-मुंबई ग्रीन कॉरिडोर पर एक इलेक्ट्रिक राजमार्ग विकसित करने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू करने पर विचार कर रहा है।
इसके अलावा, उन्होंने ऑटो उद्योग का आह्वान किया कि वे स्वदेशीकरण की तरफ जाएं और प्रधानमंत्री के ‘आत्म्निर्भर भारत अभियान’ का समर्थन करें।
–आईएएनएस
और भी हैं
भारत में पेट्रोलियम की कीमत दुनिया में सबसे कम: केंद्रीय मंत्री
जीआईएस 2025 में आतिथ्य का नया आयाम : भोपाल में पहली बार टेंट सिटी
500 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यूनिक इनोवेशन की आवश्यकता: मनोहर लाल