भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार ने शिशु मृत्युदर में गिरावट आने का दावा किया है। सरकार द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों में इसके साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों में होने वाले सुरक्षित प्रसव में इजाफे का भी जिक्र किया गया है। गुरुवार को जारी हुए आधिकारिक ब्यौरे के मुताबिक, गर्भवती माताओं की बेहतर देखभाल से नवजात शिशु मृत्यु दर 51 से घटकर 32 हो गई है। प्रदेश में वर्ष 2005-06 में 26.2 फीसदी प्रसव ही स्वास्थ्य संस्था में कराये जाते थे। वर्ष 2015-16 के आंकड़ों के अनुसार 80.8 फीसदी प्रसव स्वास्थ्य संस्था में हो रहे हैं। सुरक्षित प्रसव के लिए प्रदेश में 1536 शासकीय प्रसव केन्द्र संचालित हैं।
बताया गया है कि, जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत सुरक्षित प्रसव के लिये निशुल्क परिवहन, औषधि उपचार, ब्लड ट्रांस्फ्यूजन एवं नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था उपलब्ध करवाई जा रही है। जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण प्रसूताओं को 1400 और शहरी प्रसूताओं को 1000 रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जा रही है। वर्ष 2015-16 से अभी तक 58 लाख से अधिक महिलाओं को स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।
गर्भवती महिलाओं की प्रसव संबंधी तथा अन्य बीमारियों की जांच एवं उपचार के लिये जिला चिकित्सालय में प्रत्येक बुधवार ‘रोशनी’ क्लीनिक की व्यवस्था की गई है।
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि तमाम कार्यक्रमों के कारण वर्ष 2005 में शिशु मृत्यु दर 76 और नवजात शिशु मृत्यु दर 51 प्रति हजार जीवित बच्चे से घटकर वर्ष 2016 में क्रमश: 47 एवं 32 रह गई है।
–आईएएनएस
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