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मराठी, असमिया और बंगाली को मिला ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा, ममता बनर्जी, एकनाथ शिंदे और सरमा ने जताई खुशी

 नई दिल्ली, 3 अक्टूबर । केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को पांच और भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मंजूरी दे दी है। इनमें मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाएं शामिल हैं। केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले पर महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और असम के मुख्यमंत्रियों समेत कई नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मोदी सरकार के इस फैसले के लिए आभार व्यक्त किया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए पीएम मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा, “असमिया अब एक शास्त्रीय भाषा है। असम के लोगों की ओर से मैं असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरे केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। असमिया इस दर्जा को हासिल करने वाली चुनिंदा भाषाओं की लिस्ट में शामिल हो गई है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह असम की अनूठी सभ्यतागत जड़ों का उदाहरण है, जो समय की कसौटी पर खरी उतरी है। आज के निर्णय से हम अपनी प्रिय मातृभाषा को बेहतर ढंग से संरक्षित करने में सक्षम होंगे, जो ना केवल हमारे समाज को एकजुट करती है बल्कि असम के संतों, विचारकों, लेखकों और दार्शनिकों के प्राचीन ज्ञान से एक अटूट कड़ी भी बनाती है।” वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि बंगाली या बांग्ला को आखिरकार भारत सरकार ने शास्त्रीय भाषा का दर्जा दे दिया है। हम संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार से यह मान्यता प्राप्त करने की कोशिश कर रहे थे और हमने अपने दावे के पक्ष में शोध निष्कर्षों के तीन खंड प्रस्तुत किए थे। केंद्र सरकार ने आज शाम हमारे शोधपूर्ण दावे को स्वीकार कर लिया है और हम आखिरकार भारत में भाषाओं के समूह में सांस्कृतिक शिखर पर पहुंच गए हैं।” पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने पीएम मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सभी बंगालियों के लिए दुर्गा पूजा उपहार। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में पुष्टि की है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बंगाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है।

यह वास्तव में बंगाली बोलने वाले सभी लोगों के लिए सबसे अच्छा दुर्गा पूजा उपहार है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सभी मराठी लोगों को बधाई। आखिरकार हमारी मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिल गया है। एक लड़ाई सफल हुई। इसे लेकर महाराष्ट्र सरकार ने लगातार केंद्र का साथ दिया। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के आभारी हैं। इस काम में कई मराठी भाषी, विचारक, भाषा विद्वान, लेखक और आलोचकों ने मदद की। वहीं, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय कैबिनेट के फैसले पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “आज का दिन मराठी के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन है। मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का निर्णय आज केंद्रीय कैबिनेट ने लिया है। मैं पीएम मोदी और केंद्रीय कैबिनेट के सभी मंत्रियों का महाराष्ट्र के 12 करोड़ लोगों की ओर से तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं। इस दिन के आने के लिए मैंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान और अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लगातार प्रयास किया है।” उन्होंने कहा, “”लीळाचरित्र”, “ज्ञानेश्वरी”, “विवेकसिंधू” जैसे कई ग्रंथों के आधार पर यह सिद्ध करने में कई विद्वानों और शोधकर्ताओं का योगदान रहा कि मराठी भाषा शास्त्रीय है। मैं उनका भी अत्यंत आभारी हूं।

आखिरकार आज वह शुभ दिन आ ही गया। नवरात्रि के पहले दिन मराठी भाषा को यह सम्मान मिलना दिल को अत्यंत सुखद अनुभव देने वाला है। महाराष्ट्र और दुनिया भर के सभी मराठी लोगों को मैं तहे दिल से बधाई देता हूं। मराठी भाषा के संपूर्ण विकास के लिए अब केंद्र सरकार से अनुदान सहित सभी सहयोग मिलने का मार्ग खुल गया है।”

–आईएएनएस

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