नई दिल्ली| केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश किया। राहुल गांधी ने केंद्रीय बजट को ‘मित्र काल’ बजट करार दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि ‘मित्र काल’ बजट ‘अमृत काल’ का स्पिन-ऑफ है, जिसका प्रमुख मुद्दों को संबोधित करने का कोई इरादा नहीं है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘मित्र काल’ बजट में नौकरियां पैदा करने के लिए कोई विजन नहीं है, महंगाई (मुद्रास्फीति) से निपटने की कोई योजना नहीं है। असमानता को दूर करने का कोई इरादा नहीं है। 1 प्रतिशत सबसे अमीर 40 प्रतिशत संपत्ति के मालिक हैं, 50 प्रतिशत सबसे गरीब 64 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करते हैं, 42 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं फिर भी, पीएम नरेंद्र मोदी को परवाह नहीं है! यह बजट साबित करता है कि भारत के भविष्य के निर्माण के लिए सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय बजट को अमृत काल (2022 से 2047 तक 25 साल की अवधि, जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा) के रूप में वर्णित किया, जो एक विकसित भारत के लिए एक मजबूत नींव रखेगा।
उन्होंने संसद में केंद्रीय बजट पेश किए जाने के बाद एक टेलीविजन संबोधन में कहा कि बजट यह वंचितों को प्राथमिकता देता है। यह बजट गरीब लोगों, मध्यम वर्ग के लोगों और किसानों सहित एक आकांक्षी समाज के सपनों को पूरा करेगा। मैं इस ऐतिहासिक बजट के लिए निर्मला सीतारमण और उनकी टीम को बधाई। मोदी ने मध्यम वर्ग को बड़ी ताकत बताया और कहा कि सरकार ने उन्हें सशक्त बनाने के लिए कई फैसले किए हैं।
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