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मुख्तार अंसारी की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी सुरक्षा

नई दिल्ली| गैंगस्टर से बीएसपी के विधायक बने मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी ने रूपनगर जेल से उत्तर प्रदेश की बांदा जिला जेल में स्थानांतरित होने के दौरान अपने पति की सुरक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय से फरियाद की है।

26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद, मुख्तार अंसारी को मंगलवार को पंजाब जेल से उत्तर प्रदेश की जेल में ले जाया जा रहा है। वो एक कथित जबरन वसूली मामले में जनवरी 2019 से पंजाब की जेल में बंद थे।

अफशां अंसारी ने अपनी याचिका में सरकारी अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश मांगा कि उनके पति का जीवन सुरक्षित है और उत्तर प्रदेश में सभी मामलों में मुकदमे की सुनवाई के दौरान संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके अधिकारों की रक्षा की जाती है।

उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश में शारीरिक रूप से मुकदमे में शामिल होने के दौरान याचिकाकर्ता के पति का जीवन लगातार खतरे में है। ऐसे में यह सबसे अधिक जरूरी है कि जब वह एक जेल से दूसरे जेल में स्थानांतरित हो जाए या उत्तर प्रदेश में अदालत के सामने पेश हो जाए, तो पूरी कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल/ सीमा सुरक्षा बल जैसे केंद्रीय बलों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी की जानी चाहिए।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसके पति की जान को खतरा केवल एक आशंका नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश में उसके जीवन पर किए गए कई प्रयासों से अतीत में पुष्टि भी हुई है।

अंसारी की पत्नी ने दावा किया कि इसकी पूरी संभावना है कि अगर उनकी जिंदगी की सुरक्षा के कई प्रयास नहीं किए गए तो उनकी जिंदगी को खतरा हो सकता है।

अंसारी की पत्नी ने कई घटनाओं का हवाला दिया जब उसके पति पर हमला किया गया था, भले ही वह 25 अक्टूबर 2005 से न्यायिक हिरासत में हो। याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि जेल में होने के बावजूद बहुत से गैंगस्टर जो बहुत प्रभावशाली हो गए हैं, अपने पति को मारने का फैसला कर सकते हैं।

26 मार्च को न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्देश दिया कि अंसारी को दो सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश को सौंप दिया जाए, और फिर उन्हें बांदा जेल में रखा जाए। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की अनुच्छेद 32 याचिका की अनुमति देते हुए अंसारी को पंजाब से उत्तर प्रदेश की जेल में स्थानांतरित करने को कहा था।

यूपी सरकार ने कहा था कि 30 से अधिक एफआईआर और 14 आपराधिक मुकदमे, जिनमें हत्या के जघन्य अपराध शामिल हैं मुख्तार अंसारी के खिलाफ विभिन्न अदालतों में लंबित हैं, जहां उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति की जरूरत महसूस की जाती है।

–आईएएनएस

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