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‘मोदी फोबिया क्लब’ ‘इस्लामोफोबिया’ कार्ड के जरिये साजिश का ताना-बाना बुन रही है : मुख्तार अब्बास नकवी

नई दिल्ली | केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हिंदुस्तान, समावेशी समृद्धि एवं सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण की ‘राष्ट्रनीति’ और शक्तिशाली, आत्मनिर्भर, सुरक्षित, समृद्धि से भरपूर भारत, सफलता की सीढियां चढ़ रहा है। ऐसे में हर भारतवासी उनके नेतृत्व में किये गये अद्भुत निर्णय क्षमता और फैसलों पर गर्व और गरिमा का एहसास कर रहा है। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जहां एक तरफ हर भारतवासी गौरवांवित है , वहीं देश की इस शानदार उपलब्धियों के सफल से बौखलाया-बदहवास पेशेवर ‘मोदी फोबिया क्लब’ ने ‘इस्लामोफोबिया’ कार्ड के जरिये झूठ फैलाना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा, “इसी हिंदुस्तानी संस्कार, संस्कृति और संकल्प का परिणाम है कि आजादी के बाद जहां पाकिस्तान ने इस्लामी राष्ट्र का रास्ता चुना, वहीं भारत के लोगों ने ‘पंथनिरपेक्ष जनतांत्रिक’ राष्ट्र का मार्ग चुना। बंटवारे के बाद पाकिस्तान में अल्पसंख्यक 24 प्रतिशत से ज्यादा थे, लेकिन आज 2 प्रतिशत के इर्द गिर्द बचे हैं। वहीं बंटवारे के बाद हिंदुस्तान में अल्पसंख्यक कुल जनसँख्या का 9 प्रतिशत थे वह बढ़कर 22 प्रतिशत से भी अधिक हो गए हैं। सभी नागरिकों के साथ अल्पसंख्यक भी बराबर की हिस्सेदारी-भागीदारी के साथ फल फूल रहे हैं। उस देश और उसके नेतृत्व के खिलाफ दुष्प्रचार, अज्ञानता और मानसिक दिवालियेपन की पराकाष्ठा से ज्यादा कुछ नहीं है।”

उन्होंने कहा कि अफसोस है कि कुछ लोगों की छद्म सेक्युलर सियासी सनक ने देश की पंथ निर्पेक्षता को मुस्लिम या अल्पसंख्यकों का ‘पेटेंट पोलिटिकल प्रोडक्ट’ बना कर भारत के समावेशी संस्कार का बड़ा नुकसान करने की कोशिश, और साथ ही भारतीय मुसलमानों को प्रगति की धारा से दूर करने का समझा-बूझा पाप भी किया है।

पिछले 5 वर्षों में अल्पसंख्यक लोगो को फायदे को गिनाते हुये नकवी ने कहा, ” प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार ने 2 करोड़ गरीबों को घर दिया तो, उसमे 31 प्रतिशत अल्पसंख्यक विशेषकर मुस्लिम समुदाय है। देश के 6 लाख गांवों में बड़ी संख्या में गांवों में बिजली पहुंचाई गई तो 39 प्रतिशत से ज्यादा अल्पसंख्यक बाहुल्य गांव अंधेरे में जिंदगी बिता रहे थे, उनके घरों में उजाला हुआ। 22 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि के तहत लाभ दिया, तो उसमे भी 33 प्रतिशत से ज्यादा अल्पसंख्यक समुदाय है।”

–आईएएनएस

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