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यह आम आदमी पार्टी के लिए धक्का और सबक है : योगेंद्र यादव

 नई दिल्ली, 8 फरवरी। राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत और आम आदमी पार्टी की हार को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर आप को दिल्ली की जनता ने सिरे से खारिज कर दिया तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी को 27 साल बाद सरकार बनाने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि यह स्थिति आम आदमी पार्टी के लिए एक धक्का और सबक है। हालांकि, पार्टी को 40 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं, लेकिन जिस तरह से आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है, वह ‘आप’ के लिए चिंता का विषय है। आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था, लेकिन इसके बावजूद भी पार्टी को सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि यह पूरे विपक्ष के लिए भी एक धक्का है। मौजूदा समय में भाजपा प्रभुत्व वाली राजनीति कर रही है और दिल्ली में आए नतीजे से भाजपा का मनोबल इस दिशा में बढ़ेगा। इस स्थिति के बाद मुझे लगता है कि देश की सभी विपक्षी पार्टियों को सतर्क हो जाना चाहिए।

दिल्ली के चुनाव ने यह साफ कर दिया है कि अब देश के सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना होगा। तभी जाकर वे भाजपा का मुकाबला कर सकेंगे। इस बीच, उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट में अरविंद केजरीवाल को मिली हार पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली कभी भी आम आदमी पार्टी की सीट नहीं थी। वे तो वहां इसलिए गए थे, क्योंकि उन्हें शीला दीक्षित से मुकाबला करना था। मैं अरविंद केजरीवाल को श्रेय देना चाहूंगा कि उन्होंने अपनी सीट नहीं बदली, नहीं तो आमतौर पर सामान्य नेता अपनी सीट बदल लेते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, एक दूसरी वजह यह भी रही कि दिल्ली में एक ऐसा वर्ग भी था, जिसे लगा कि अब आम आदमी पार्टी को जितना काम करना था, उसने कर लिया। यह एक ऐसा वर्ग था, जो अब महज फ्री बिजली और पानी से खुश नहीं था। इस बीच, उन्होंने दिल्ली में भाजपा की जीत के कारण भी बताए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही जाना चाहिए, क्योंकि यह नरेंद्र मोदी का ही वोटर था, जो कि पिछले दस सालों में केजरीवाल के खेमे में शामिल हो गया था।

इस बार उसमें से आधे वोटर ने तय किया कि दिल्ली और केंद्र के बीच की लड़ाई को समाप्त करते हुए भाजपा को दिल्ली में लाया जाए। इससे रोज-रोज की लड़ाई समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने अन्ना के समय और आज के समय के केजरीवाल के बीच के फर्क को भी बताया। उन्होंने कहा कि अन्ना के दौरान के केजरीवाल को मैं नहीं जानता हूं, क्योंकि मैं इंडिया अगेंस्ट करप्शन का हिस्सा नहीं था। लेकिन, पार्टी की स्थापना के दौरान जो अरविंद केजरीवाल ने कहा था, और जो बाद में उन्होंने किया, उसमें बहुत फर्क था। केजरीवाल ने उस वक्त कहा था कि हम भ्रष्टाचार को समाप्त करेंगे। लेकिन, बाद में जाकर केजरीवाल पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगे। केजरीवाल ने कहा था कि मैं सरकारी सुविधाएं नहीं लूंगा। केजरीवाल ने जो कहा था, और जो किया, उसमें बहुत फर्क था। अब आम आदमी पार्टी खत्म हो जाएगी या रहेगी? इस सवाल पर योगेंद्र यादव ने कहा कि अभी इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं की जा सकती है, क्योंकि जिस पार्टी के पास 20 से 25 विधायक हों, ऐसी स्थिति में इस तरह से पार्टी को खत्म नहीं हो जाना चाहिए।

एक चुनाव हारने या जीत जाने से कोई पार्टी खत्म नहीं होती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की नींव हिल गई है। ऐसी स्थिति में शीर्ष नेताओं के पास पार्टी को बचाने की चुनौती होगी। उन्होंने कहा कि पार्टी में अब सिद्धांतवादी नेता नहीं रहे, जो पार्टी के सिद्धांतों की वजह से जुड़े हों। पार्टी के पास जब ईडी का दबाव आएगा, तो निश्चित तौर पर उस पर दबाव बनेगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के पास गुजरात में आगे बढ़ने का मौका नहीं रहा। हरियाणा का रास्ता बंद हो चुका है, ले देकर अब पंजाब का ही रास्ता बचा है। अगर आप पंजाब नहीं बचा पाती है तो पार्टी के लिए खुद को बचाना मुश्किल हो जाएगा। –

-आईएएनएस

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